चैतन्य भारत न्यूज
प्रयागराज. अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में साल 2005 में हुए आतंकी हमले के 14 साल बाद मंगलवार को विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। नैनी सेंट्रल जेल में हुई सुनवाई में इस मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि, एक आरोपी को बरी कर दिया गया है।
2005 Ayodhya terror attack case: Prayagraj Special Court sentences four convicts to life imprisonment and acquits one person. pic.twitter.com/T5bZKOXsJ2
— ANI UP (@ANINewsUP) June 18, 2019
प्रयागराज की विशेष अदालत ने मंगलवार दोपहर इस मामले पर फैसला सुनाया। अदालत ने चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी है और साथ ही उनपर 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा अदालत ने पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है। बता दें इन आरोपियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप था। पांचों आरोपी पिछले काफी समय से नैनी जेल में ही बंद थे। जानकारी के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई विशेष जज दिनेश चंद्र कर रहे थे। इस मामले में 63 गवाहों ने बयान दर्ज करवाए थे। इनमे 14 पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
इन्हें मिली उम्रकैद की सजा
डॉ. इरफान
मोहम्मद शकील
मोहम्मद नसीम
फारुक
पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है.
क्या है मामला
घटना 5 जुलाई 2005 की सुबह 9 बजकर 15 मिनट की है। यह आतंकी हमला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि परिसर में किया गया था। इस घटना को पांच आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया था। आरोपियों का इरादा बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए राम लला मंदिर को ध्वस्त करना था। हमला करने वाले पांच आतंकियों ने रामलला परिसर की बेरीकेटिंग को धमाका कर उड़ा दिया था। इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और सात जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस दौरान परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों ने मौके पर हमले के साजिशकर्ता अरशद समेत पांचों आतंकियों को मार गिराया था। इसके बाद आतंकियों के पास से मोबाइल फोन बरामद हुए थे। जब सिम की जांच हुई तो घटना की साजिश रचने और आतंकियों को वाहन उपलब्ध कराने में इकबाल उर्फ फारुक, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम प्रकाश में आया था।