चैतन्य भारत न्यूज
अमेरिकी वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर एक डेड बॉडी मिली है। मृतक का सर, शरीर और पैर भी हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ ही दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने इस पर अध्ययन करना शुरू कर दिया है। जिससे यह पता चल सके कि क्या वाकई में मंगल ग्रह पर जीवन हैं या नहीं?
कहां चल रहा है अध्ययन?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और अमेरिका के ओहायो यूनिवर्सिटी के कीट विज्ञान से जुड़े डॉ. विलियम रोमोसर ने इसे लेकर अध्ययन किया है। उनका दावा है कि मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत मिले हैं। अपने इस अध्ययन के बारे में उन्होंने इंटरनेशनल एंटोमोलॉजी कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, डॉ. विलियम रोमोसर पिछले कई सालों से मंगल ग्रह की ऑनलाइन तस्वीरों का अध्ययन कर रहे हैं। कई बार उन्हें कीड़ों के आकार के उदाहरण भी मिले। इस बार मिली डेड बॉडी की तस्वीर डॉ. रोमोसर को मार्स रोवर से मिली हैं।
सांप, मक्खियों से मिलती जुलती हैं मंगल की आकृतियां
डॉ. रोमोसर ने बताया कि, मंगल से मिली तस्वीरों से यह पता चल रहा है कि वहां ऐसी कई सारी आकृतियां देखने को मिली हैं जो मक्खियों और सांपों की आकृतियों की तरह है। डॉ. रोमोसर ने दावा किया है कि, मंगल ग्रह पर जीवाश्मों (किसी भी विलुप्त जंतु के किसी समय जीवित होने का प्रमाण) के रूप में जीवन के सबूत मौजूद हैं। ये जीव कोई कीट-पतंगे भी हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, उनके कुछ पंख भी थे जो फड़फड़ाते भी हैं। साथ ही कुछ जीवों में उड़ान भरने की क्षमता के सबूत भी मिले हैं।
मंगल पर जरूरी ऊर्जा स्रोत मौजूद हैं क्या?
डॉ. रॉमोजर ने बताया कि, मंगल ग्रह पर कई पैरों वाली आकृतियां भी मिली हैं। जब मार्स पर भेजे गए क्यूरियोसिटी रोवर्स ने जैविक गतिविधियों के संकेतों की तलाश करना शुरू की तो उनकी भेजी कई तस्वीरों में सांपों की तरह जीवों के स्वरूप भी मिले। इसके अलावा क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा ली गई कुछ तस्वीेरों में मकड़ी, कॉकरोच जैसे और भी कई आर्थोपोड जीवों के संकेत भी मिले हैं। डॉ. विलियम ने यह भी कहा कि, इन आकृतियों का स्वरूप भविष्य में मिलने वाली गहन जानकारी के आधार पर बदल भी सकता है।