चैतन्य भारत न्यूज
दिसपुर. नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। असम पुलिस ने इसी प्रदर्शन में शामिल 190 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन प्रदर्शनकारियों में एक कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है। इन सभी पर हिंसा की साजिश करने का आरोप है। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत भी हुई है।
सुधर रहे हैं हालात
असम पुलिस के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि, पुलिस एक्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई है। हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। अब हालात काफी हद तक सुधर गए हैं। इसे लेकर अभी तक 136 केस रजिस्टर हुए हैं।
Assam DGP, BJ Mahanta: 136 cases have been registered so far& 190 protesters have been arrested.These were not normal democratic protesters but people who indulged in violence,some conspirators have also been arrested, including some major leaders from various organizations. #CAA https://t.co/0Rvb5miALT
— ANI (@ANI) December 17, 2019
असम में 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया
बता दें जब से संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन एक्ट पेश हुआ तब से ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसका सबसे ज्यादा असम में हुआ। पूरे राज्य में अभी तक पुलिस ने 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। जिन युवा छात्रों को प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए हिरासत में लिया गया था, उन्हें काउंसलिंग के बाद छोड़ दिया गया है।
इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई थी
पूर्वोत्तर में बढ़ते विरोध-प्रदर्शन के चलते बीते दिनों इंटरनेट की सुविधा भी बंद कर दी गई थी। हालांकि, आज राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट की सुविधा को फिर से शुरू किया जा सकता है, इसके अलावा डिब्रूगढ़, गुवाहाटी समेत कई इलाकों में दिन में कर्फ्यू में छूट दी गई है।
क्यों हो रहा प्रदर्शन
पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा प्रदर्शन असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश में हो रहा है। पूर्वोत्तर के नागरिकों का कहना है कि, नए कानून के कारण उनकी अस्मिता, संस्कृति खतरे में पड़ सकती है।’ हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस कानून से ऐसा कुछ भी नहीं होगा।
छात्र कर रहे प्रदर्शन
गौरतलब है कि दिल्ली के जामिया इलाके में भी इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसने हिंसक रूप भी ले लिया था। मंगलवार को पुलिस ने इसी मामले में कार्रवाई करते हुए दस लोगों को गिरफ्तार भी किया है। न सिर्फ जामिया बल्कि देश के अन्य हिस्सों भी छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।