चैतन्य भारत न्यूज
अयोध्या. अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है। इसकी जानकारी राजीव धवन ने खुद फेसबुक पर पोस्ट कर दी है। राजीव धवन ने अपने पोस्ट में लिखा है कि, ‘मुझे ये बताया गया है कि मुझे केस से हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबियत ठीक नहीं है। ये बिल्कुल बकवास बात है। जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं लेकिन जो वजह दी गई है वह गलत है।’
Advocate-on-record Ejaz Maqbool to ANI: Issue is that my client (Jamiat Ulema-e-Hind) wanted to file the review petition yesterday. It was to be settled by Mr Rajeev Dhawan. I could not give his name in the petition because he was not available. It is not a big issue. https://t.co/WzldL8xduw
— ANI (@ANI) December 3, 2019
एजाज मकबूल ने दी सफाई
धवन ने लिखा कि, ‘बाबरी मस्जिद मामले के वकील (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) एजाज मकबूल ने मुझे बर्खास्त कर दिया है जो जमीयत का मुकदमा देख रहे हैं। बिना किसी डिमोर के मुझे बर्खास्तगी का पत्र भेजा गया है।’ उन्होंने कहा कि, अब वे इस मामले में शामिल नहीं होंगे। इस मामले में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एजाज मकबूल ने कहा कि, ‘यह कहना गलत है कि राजीव धवन को उनकी बीमारी के कारण केस से हटा दिया गया था। मुद्दा यह है कि मेरे मुवक्किल (जमीयत उलेमा-ए-हिंद) कल ही रिव्यू पिटिशन दायर करना चाहते थे। इसे राजीव धवन को पूरा करना था। मैं उनका नाम याचिका में नहीं दे सका, क्योंकि वह उपलब्ध नहीं थे। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।’
सोमवार को दाखिल की गई याचिका
बता दें सोमवार को अयोध्या राम जन्मस्थली विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहली पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई। जानकारी के मुताबिक, पक्षकार एम सिद्दीकी ने करीब 217 पन्नों की पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी तरफ से मांग की गई है कि संविधान पीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए, जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन को राम मंदिर के पक्ष में दिया था। साथ ही यह भी मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को यह आदेश दे कि, वह मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट का निर्माण न करे। याचिका में यह भी कहा गया है कि, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 1934, 1949 और 1992 में मुस्लिम समुदाय के साथ हुई ना-इंसाफी को गैरकानूनी करार दिया, लेकिन उसे नजरअंदाज भी कर दिया। इस मामले में पूर्ण न्याय तभी होता जब मस्जिद का पुनर्निर्माण होगा।’
Advocate Rajeev Dhawan (who appeared for Sunni Waqf Board & other Muslim parties in Ayodhya case): No longer involved in the review or the case. I have been informed that Mr Madani has indicated that I was removed from the case because I was unwell. This is total nonsense. https://t.co/K9rNgsk0No
— ANI (@ANI) December 3, 2019
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