चैतन्य भारत न्यूज
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मुस्लिम महिलाओं ने सामाजिक कुरीतियों के प्रतीक रूपी रावण का पुतला दहन किया। दरअसल जिस वक्त विजयादशमी पर पूरा देश रावण के अहंकारी रूप का दहन कर रहा था, उसी वक्त बरेली में तीन तलाक पीड़िताओं ने मुस्लिम समाज की दस बुराइयों का दहन किया।
इतना ही नहीं बल्कि रावण का दहन कर उन्होंने ये ऐलान किया कि मुस्लिम समाज की उन तमाम कुरीतियों के अंत के लिए महिलाएं सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेंगी और न्याय के लिए वे सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगी।
बता दें बरेली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन और तीन तलाक पीड़ितों की आवाज बनीं फरहत नकवी ने करीब 70 से अधिक मुस्लिम महिलाओं के साथ रावण का पुतला फूंका। इनमें कई तीन तलाक पीड़िताएं थीं तो कई हलाला और पति के उत्पीड़न का शिकार हुई थीं।
इन 10 बुराइयों का किया दहन
- तीन तलाक
- बेवजह पाबंदियां, कैद
- बहुविवाह (पहली बीवी की रजामंदी के बगैर दूसरी शादी करना)
- हलाला प्रथा
- भ्रूण हत्या
- एसिड अटैक
- औलाद न होने पर प्रताड़ना
- नौकरी, व्यवसाय के लिए मुस्लिम महिलाओं पर रोक-टोक
- बेटियों को पढ़ाई से रोकना
- मुस्लिम महिलाओं पर बेवजह फतवे जारी करना
- किसी तरह मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न करना
रावण दहन करने पर भड़के उलमा
विजयदशमी पर बरेली में मुस्लिम महिलाओं द्वारा तीन तलाक व बहुविवाह समेत दस बुराइयों का पुतला दहन किए जाने पर उलमा का कहना है कि कुछ महिलाओं द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने को इस तरह के इस्लाम विरोधी काम किए जा रहे हैं। तंजीम अब्ना-ए-दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि, ‘जो महिलाएं तलाक और बहुविवाह को कुप्रथा बताकर उनका दहन करने की कोशिश कर रही हैं। शायद उन्हें इस्लाम के बारे में सही जानकारी नहीं है।’
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