चैतन्य भारत न्यूज
जन्माष्टमी का त्योहार आने वाला है। इस दिन भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। वैसे तो कृष्ण का जन्मोत्सव सभी जगह बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अगर इस उत्सव का सही रंग देखना है तो एक बार मथुरा जरूर जाएं। इस जगह जाकर आप कृष्ण के अद्भुत बाल-लीलाओं के किस्से सुनकर भाव-विभोर हो जाएगें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मथुरा की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां जाकर आप बहुत ही प्रसन्न हो जाएंगे।
कृष्ण जन्मभूमि
यहां का मुख्य आकर्षण कृष्ण की विशाल संगमरमर की मूर्ति है। कहते हैं कि इसी मंदिर में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी के दिन यहां लाखों भक्तों की भीड़ रहती है। इतना ही नहीं बल्कि यहां विदेशों से भी लोग आते हैं।
विश्राम घाट
कहा जाता है कि इस घाट पर भगवान कृष्ण ने कंस को मारने के बाद विश्राम किया था। यही वजह है कि इसे विश्राम घाट कहा जाता है। मथुरा में बहने वाली यमुना नदी पर करीब 25 घाट बने हैं लेकिन इन घाटों में सबसे ज्यादा महत्व विश्राम घाट का है। इस घाट पर स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा भी कहते हैं कि सभी मंदिरों के दर्शन के बाद इस तट पर स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो मंदिरों के दर्शन का पूरा फल नहीं मिलता है।
कुसुम सरोवर
यह सरोवर 450 फीट लंबा और 60 फीट गहरा है। इस सरोवर के पीछे बहुत बड़ा और खूबसूरत फूलों का बगीचा बना हुआ जिसे देखकर आप खुश हो जाएंगे। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के रास्ते में बना यह सरोवर बहुत ही खास है। इस सरोवर का नाम राधा की सखी कुसुमा के नाम पर पड़ा था।
कंस का किला
मथुरा में स्थित कंस का किला मुगल और स्थापत्य शैली से बना हुआ जो कि बहुत ही अद्भुत है। इसे पुराण किला के नाम से भी जाना जाता है। इस देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
तिलक द्वार
तिलक द्वार मथुरा की सबसे मशहूर जगहों में से एक है। कह सकते हैं कि तिलक द्वार मथुरा की स्थानीय जिंदगी को देखने का दरवाजा है।