चैतन्य भारत न्यूज
भाई-बहनों का खास त्योहार भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार भाई दूज का त्योहार 16 नवंबर को है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई की खुशहाली की कामना करती हैं। कहा जाता है कि भाईदूज के दिन भाई और बहन दोनों को मिलकर सुबह के समय यम, चित्रगुप्त, यम के दूतों की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं भाई दूज का महत्व और शुभ मुहूर्त।
भाई दूज का महत्व
दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ये एक ऐसा उत्सव है जो भाई बहन के अगाध प्रेम और स्नेह को दिखाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा को लेकर भी भाई दूज की एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि नरकासुर को मारने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने पहुंचे थे, तब उनकी बहन ने उनका फूलों और आरती से स्वागत किया था और उनके माथे पर टीका किया था। जिसके बाद से इस त्योहार को मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज तिलक शुभ मुहूर्त
भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज का टीका शुभ मुहूर्त दिन 12:56 से 03:06 तक है।