चैतन्य भारत न्यूज
अब भारत में भी पटरियों पर जल्द ही हवाई जहाज की स्पीड में ट्रेनें दौड़ती हुई नजर आएंगी। देश में सुपर स्पीड ट्रेन लाने के लिए सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने स्विस रैपिड एजी के साथ साझेदारी की है। बीएचईएल ने खुद इसकी जानकारी दी है। दरअसल यह कंपनी कई क्षेत्रों में अपना कारोबार फैलाना चाहती है और अर्बन ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर भी उनमें शामिल है। इसी योजना के तहत कंपनी भारत में मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी कर रही है।
भारत में चलेंगी 500 किमी/घंटे की रफ्तार से ट्रेन
हाई स्पीड मैग्लेव ट्रेन को भारत में लाने के लिए ये साझेदारी की गई है। बता दें फिलहाल यह हाई स्पीड ट्रेन मैग्लेव सिर्फ चीन और जापान में ही चलती है। अब इसे भारत में चलाने की योजना बनाई जा रही है। खास बात यह है कि मैग्लेव ट्रेन पटरी पर दौड़ने के बजाय हवा में रहती है। जी हां… इसके लिए ट्रेन को मैग्नेटिक फील्ड की मदद से नियंत्रित किया जाता है। इसलिए उसका पटरी से सीधा संपर्क नहीं होता। इस वजह से इसमें ऊर्जा की खपत भी बेहद ही कम होती है और यह आसानी से 500-800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी परिचालन लागत भी बहुत कम होती है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा
बीएचईएल ने इस बारे में बताया कि, ‘यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को ध्यान में रखकर किया गया है। यानी कि अब बीएचईएल स्विस रैपिड एजी के साथ मिल कर इस पर काम करेगी। इससे बीएचईएल दुनिया की अत्याधुनिक इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी को भारत लाने में मदद मिलेगी और वह भारत में मैग्लेव ट्रेनों का निर्माण करेगी।’
बुलेट ट्रेन पर काम चल रहा है
गौरतलब है कि बीएचईएल पिछले पांच दशकों से रेलवे के विकास में साझेदार है। कंपनी ने रेलवे को इलेक्ट्रिक और डीजल लोकोमोटिव की आपूर्ति की है। देश की पहली मेट्रो कोलकाता मेट्रो में भी बीएचईएल के प्रपल्शन सिस्टम लगे हैं। भारत में सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो चुकी है। वहीं, मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम चल रहा है।