चैतन्य भारत न्यूज
भोपाल. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतरी मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक कार्यक्रम के दौरान जेल में अपनी आपबीती सुनाई। अपनी व्यथा सुनाते-सुनाते प्रज्ञा भावुक हो गईं। इस दौरान उन्होंने पुलिस हिरासत में रहते हुए टॉर्चर की बात कही। बता दें प्रज्ञा को सितंबर 2008 में मालेगांव में हुए धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
प्रज्ञा ने कहा, ‘मैं कभी भी विवादों में नहीं रही, मेरे खिलाफ साजिश रची गई। मालेगांव बम विस्फोट मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुझे प्रताड़ित किया गया। कई-कई दिन सिर्फ पानी के सहारे काटने पड़े हैं।’ प्रज्ञा ने इस दौरान जेल अधिकारियों पर टॉर्चर का भी आरोप लगाया और कहा, ‘वो लोग मुझसे ये कहलाना चाहते थे कि मैंने विस्फोट किया और मुसलमानों को मारा है। मुझे पिटते-पिटते सुबह हो जाती थी, पीटने वाले लोग बदल जाते थे, लेकिन पिटने वाली मैं सिर्फ अकेली रहती थी।’
#WATCH: Alleging torture by jail officials, Sadhvi Pragya Singh Thakur, BJP Lok Sabha candidate from Bhopal, breaks down while addressing the party workers pic.twitter.com/UVUomvmJZ2
— ANI (@ANI) April 18, 2019
प्रज्ञा ने आपबीती सुनाते हुए कहा, ‘जब मुझे गैरकानूनी तरीके से लेकर गए तो 13 दिन तक जेल में रखा। हिरासत के दौरान ढेर सारी पुलिस ने मुझे मोटे बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया। उस बेल्ट में लकड़ी की मजबूत मूंठ लगा देते थे जिसे झेलना आसान नहीं था। इससे पूरा शरीर सूज जाता था, सुन्न पड़ जाता था। दिन-रात मुझे पीटते रहते थे। मैं आपको अपनी पीड़ा नहीं बता रही हूं लेकिन इतना कह रही हूं कि कोई महिला कभी इस पीड़ा का सामना न करे। वे लोग मुझे पीटते-पीटते गंदी गालियां भी देते थे।’
प्रज्ञा ने इस दौरान मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया। प्रज्ञा ने आरोप लगाया है कि, शहीद हेमंत ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया। प्रज्ञा ने कहा, ‘मैंने उन्हें बताया था कि तुम्हारा पूरा वंश खत्म हो जाएगा, वो अपने कर्मों की वजह से मरे हैं।’ प्रज्ञा ने कहा, ‘जांच अधिकारी ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि साध्वी को छोड़ दो। लेकिन हेमंत ने कहा कि मैं कैसे भी करके सबूत लाउंगा और साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।’ प्रज्ञा ने आगे कहा, ‘मैंने उसे (हेमंत करकरे) कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिसदिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ।’
कौन थे हेमंत करकरे?
26 नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे। मालेगांव सीरियल ब्लास्ट केस की जांच हेमंत करकरे के पास ही थी। इसी केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं। हेमंत करकरे की शहादत को सलाम करते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
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