चैतन्य भारत न्यूज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अनोखा फैसला सुनाया है जिसे लेकर अब हर जगह चर्चा हो रही है। दरअसल, कोर्ट ने 52 वर्षीय वकील की 14 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ हुई शादी को वैध ठहराया है। कोर्ट का कहना है कि, लड़की अब शादीशुदा है। समाज में कोई और उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए उसका भविष्य सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, चार साल पहले एक 52 वर्षीय वकील ने अपने से 38 साल छोटी 14 साल की नाबालिग लड़की से शादी कर ली थी। अब 18 साल की होने पर लड़की ने अपने पति के साथ रहने की इच्छा जताई जिसे हाई कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी है। जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने वकील की यचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।
वकील की पत्नी का देहांत साल 2014 में हुआ था और 2015 में उसने लड़की से शादी कर ली थी। उस वक्त लड़की ने आरोप लगाया था कि, ‘उसके दादा-दादी ने उसे वकील से शादी करने के लिए मजबूर किया।’ शिकायत के बाद वकील को गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर उसे करीब 10 महीने तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था।
साल 2017 में लड़की ने वकील के खिलाफ रेप, यौन शोषण और चाइल्ड मैरिज ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। साथ ही उसने अपने दादी, दादी और अन्य दो रिश्तेदारों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई थी। फिर दिसंबर में वकील ने खुद के खिलाफ हुए केस को रद्द कराने की अपील की थी। 17 सितंबर 2018 को वह 18 साल की हो गई है। पिछले हफ्ते युवती ने एक हलफनामा दाखिल किया और कहा कि, ‘उसने अपने पति से विवाद सुलझा लिया है और अब वह पति के साथ ही रहना चाहती है। इसलिए उसे मामला खारिज किए जाने से कोई आपत्ति नहीं है।’
हालांकि, अतिरिक्त सरकारी अभियोजक अरुण कुमार पाई ने इस याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि, ऐसे मामले को रद्द करने से गलत उदाहरण पेश होगा और जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। कोर्ट ने वकील को ये आदेश दिया है कि, वह 10 एकड़ जमीन अपनी पत्नी के नाम कर दें। साथ ही पत्नी के नाम की 7 लाख रुपए की एफडी भी करवाए और उसे अपनी पढाई पूरी करने दें। अब इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी। इस सुनवाई में ये तय किया जाएगा कि वकील पर लगे दुष्कर्म के आरोप को रद्द करना है या नहीं। इसके अलावा फरवरी 2020 में भी एक बार सुनवाई होगी जिसमें यह देखा जाएगा कि वकील पत्नी और उसकी पढ़ाई पर सही से ध्यान दे रहे हैं या नहीं।