चैतन्य भारत न्यूज
वैशाख माह की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन ही बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती भी मनाई जाती है। इस वर्ष 07 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। पंडितो के मुताबिक, इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन समसप्तक राजयोग बन रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन देवों के गुरु बृहस्पति और नवग्रहों के राजा सूर्यदेव आमने-सामने रहेंगे। इस खास योग में सभी कार्यों में मजबूती के साथ प्रगति मिलती है। बता दें बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का दिन सबसे बड़ा दिन माना जाता है।
वैशाख माह में आई बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से कई जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है और साथ ही जीवन में सुख-शांति का संचार भी होता है। बुद्ध पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूरे दिन का व्रत रखने का भी महत्त्व होता है। फिर रात के वक्त फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ आदि से चंद्रमा की पूजा करें और चंद्र देव को जल अवश्य अर्पित करें। पूजा करने के बाद किसी ब्राह्मण को जल से भरा हुआ घड़ा और साथ ही अलग-अलग प्रकार के पकवान दान करना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मण को सोना दान करना भी शुभ माना जाता है (इच्छानुसार)।
वैसे तो बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी कई सारी मान्यताएं हैं। उनमें से प्रमुख ये है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने अपना नौवें अवतार लिया था। उनके इस अवतार को भगवान बुद्ध के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया हुआ स्नान कई जन्मों के पापों को नष्ट कर देता है।