चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता के नाम किया गया है। इसी क्रम में आज का दिन यानी बुधवार भगवान गणेश को समर्पित है। हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी कि सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। श्री गणेश की आराधना शुभ फलदायी होती है। आइए जानते हैं बुधवार व्रत का महत्व और पूजन-विधि।
बुधवार व्रत का महत्व
इस दिन भगवान गणेश जी की आराधना की जाती है। मान्यता है कि, इस दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही गणेश जी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह भी माना जाता है कि, यदि बुधवार को श्री गणेश की पूजा की जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। बुधवार के व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से की जानी चाहिए।
बुधवार व्रत पूजा-विधि
- बुधवार के सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं।
- उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें।
- भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें।
- गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं।
- गणेश जी की पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, पुष्प तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें।
- पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए।
- संकष्टी चतुर्थी का उपवास तिल के लड्डू या तिल खाकर खोलना चाहिए।