चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश किया जाना है। इससे पहले गुरुवार यानी आज आर्थिक सर्वे देश के सामने रखा जाएगा। आर्थिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम पेश करेंगे। यह सर्वे आम बजट के भविष्य की रुपरेखा तय करेगा। इस बार के बजट में हर किसी की नजर स्वास्थ्य, विदेशी निवेश, रोजगार और मेक इन इंडिया समेत और भी कई सेक्टरों पर रहेगी।
बता दें आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल का बजट पेश करेंगी। हर साल की तरह इस बार भी बजट पेश होने के एक दिन पहले आर्थिक सर्वे पेश होगा। इसमें देश के विकास का पूरे साल का लेखा जोखा होता है। इस सर्वे के जरिए यह बताया जाएगा कि पिछले एक साल में सरकार की योजनाओं और देश की अर्थव्यवस्था में क्या प्रगति हुई है।
आर्थिक सर्वे देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। यह दस्तावेज वित्त मंत्रालय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही यह सर्वे भारतीय अर्थव्यवस्था का भी प्रमाणिक दस्तावेज होता है। इस सर्वे को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं। इस सर्वे में सरकार की नीतियों की भी जानकारी होती है। साल 2015 के बाद आर्थिक सर्वे को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। इसके पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है। वहीं दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़े और डाटा दिया जाता है। पहले हिस्से को आम बजट से पहले पेश किया जाता है और दूसरे को जुलाई या अगस्त में पेश किया जाता है।
गौरतलब है कि तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। हालांकि, उस समय उन्होंने आर्थिक सर्वे पेश नहीं किया था। इसका कारण था कि देश में आम चुनाव होने वाले थे। नियमों के मुताबिक, जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है। फिर चुनाव होने के बाद नई सरकार पूरा बजट पेश करती है।