चैतन्य भारत न्यूज
सूर्यग्रहण के बाद अब दुनियाभर में चंद्रग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा। 16 और 17 जुलाई की मध्य रात्रि को चंद्रग्रहण दिखाई देगा। मध्यरात्रि के दौरान होने वाले इस चंद्रग्रहण का दुर्लभ संयोग 149 साल बाद बन रहा है। दरअसल, इस दिन चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा दोनों साथ में है। इससे पहले साल 1870 में ऐसा संयोग देखने को मिला था।
यह चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। भारत के अलावा चंद्रग्रहण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका के कई देशों में दिखाई देगा। ज्योतिष के मुताबिक, इस ग्रहण का प्रभाव फलदायी और हानिकारक दोनों ही हो सकता है। यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है।
ग्रहण और सूतक का समय
चंद्रग्रहण की पूरी अवधि कुल तीन घंटे की होगी। चंद्रग्रहण 16 जुलाई की रात 1:32 बजे से 17 जुलाई की सुबह 4:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और धनु राशि में लगेगा। चंद्रग्रहण के कारण शाम को चार बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। पूरी रात बंद रहने के बाद मंदिर के पट सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर खुलेंगे। बता दें यह इस साल का सबसे बड़ा ग्रहण है।
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