चैतन्य भारत न्यूज
श्रीहरिकोटा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 आज यानी 22 जुलाई को दोपहर 2:43 बजे लॉन्च होगा। इसे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके3) से लॉन्च किया जाएगा। मिशन चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है।
🇮🇳 #ISROMissions 🇮🇳
The launch countdown of #GSLVMkIII-M1/#Chandrayaan2 commenced today at 1843 Hrs IST. The launch is scheduled at 1443 Hrs IST on July 22nd.
More updates to follow… pic.twitter.com/WVghixIca6— ISRO (@isro) July 21, 2019
रविवार को इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने जानकारी दी कि, ‘शाम 6:43 बजे से चंद्रयान-2 लॉन्च करने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।’ इस दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान दोनों की जांच की जा रही है। रॉकेट के इंजन में ईंधन भरा गया। इसके बाद आज (सोमवार) दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लॉन्च होगा। इसरो अध्यक्ष के मुताबिक, इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद पर भेजने की पूरी तैयारी कर ली है। पहले लॉन्चिंग के समय जो भी खामियां आईं थीं उन्हें दूर कर दिया गया है।
इससे पहले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे होने वाली थी। लेकिन लॉन्चिंग के कुछ ही मिनट पहले तकनीकी खराबी के चलते उड़ान को स्थगित कर दिया गया। इस बार इसरो ने कुछ बदलाव भी किए हैं। बता दें यदि 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग होती तो यान 6 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करता। लेकिन 22 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में सिर्फ 48 दिन ही लगेंगे। यानी इस बार भी चंद्रयान-2 अपने तय समय पर 6 सितंबर को ही चांद पर पहुंच जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 के पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाले चक्कर में कटौती की है। संभवतः अब चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 के बजाय 4 चक्कर ही लगाए।
Indian Space Research Organisation (ISRO) to launch #Chandrayaan2 at 2:43 pm today from the Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota. pic.twitter.com/ic4dvNUD1Y
— ANI (@ANI) July 22, 2019
गौरतलब है कि 15 जुलाई को लॉन्चिंग से पहले चंद्रयान-2 में क्रायोजेनिक स्टेज के कमांड गैस बॉटल में प्रेशर लीकेज था। इसके अंदर हीलियम भरा था जो कि क्रायोजेनिक इंजन में भरे लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को ठंडा रखने का काम करता है। हीलियम लीकेज होने लगा था जिसके कारण बॉटल में हीलियम का प्रेशर लेवल नहीं बन रहा था। यह प्रेशर 330 प्वाइंट से घटकर 300, फिर 280 और अंत में 160 तक पहुंच गया था। इसलिए चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को रोकना पड़ा।