चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वामपंथी दलों ने आज भारत बंद बुलाया है और इसका समर्थन कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने किया है। इस प्रदर्शन में तो अब वो पार्टियां और नेता भी शामिल हैं जिन्होंने कभी खुद से नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव की अपील कर पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम लोगों के प्रति लचीला रुख अपनाने को कहा था। इसी बीच बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक वीडियो जारी किया है।
इस वीडियो में मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने के लिए नरम रवैया अपनाए जाने के लिए उस समय के उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से मांग की थी। यह वीडियो साल 2003 में राज्यसभा में मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए बयान का है। वीडियो में देखा जा सकता है मनमोहन सिंह बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर हिंसा के शिकार हुए शरणार्थियों के लिए सरकार को सहानुभूतिपूर्ण बर्ताव रखने का सुझाव दे रहे हैं।
In 2003, speaking in Rajya Sabha, Dr Manmohan Singh, then Leader of Opposition, asked for a liberal approach to granting citizenship to minorities, who are facing persecution, in neighbouring countries such as Bangladesh and Pakistan. Citizenship Amendment Act does just that… pic.twitter.com/7BOJJMdkKa
— BJP (@BJP4India) December 19, 2019
2003 में विपक्ष में रहते हुए मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के सामने शरणार्थियों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि, ‘शरणार्थियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसपर मैं कुछ कहना चाहता हूं। देश के बंटवारे के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुआ है। ये हमारा दायित्व बनता है कि अगर इन शरणार्थियों के साथ इस प्रकार व्यवहार किया जाता है कि उन्हें हमारे देश में शरण लेनी पड़े, तो इन सभी को नागरिकता देते हुए हमें उदार होना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय उपप्रधानमंत्री इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे।’
बता दें मोदी सरकार ने जब नागरिकता संशोधन कानून को राज्यसभा में पेश किया गया था, तब बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मनमोहन सिंह के इसी बयान का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि, ‘हमारी सरकार मनमोहन सिंह की बात को ही आगे बढ़ा रही है, जो कि आप (कांग्रेस) नहीं कर पाए थे।’ नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। पहले भारत की नागरिकता के लिए 11 साल का समय लगता था, लेकिन अब ये समयसीमा को 6 साल कर दिया गया है।