चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को कंपनीज एक्ट 2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस एक्ट में उन सभी कंपनियों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है जो कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के लिए अनिवार्य किया गया 2 प्रतिशत खर्च नहीं करती हैं। बता दें कंपनियों को कुल लाभ का 2 प्रतिशत हिस्सा सामाजिक कार्यो के लिए खर्च करना अनिवार्य है।
सीएसआर खर्च के लिए कंपनियों को एक अलग से एस्क्रो अकाउंट रखना होगा। सीएसआर खर्च को तीन सालों के लिए कंपनी के एस्क्रो अकाउंट में जमा करना होगा। जानकारी के मुताबिक संशोधन मंजूरी के बाद सभी कंपनियों के शेयर को भी डीमैट में बदलने की प्रक्रिया भी सिलसिलेवार ढंग से बढ़ाई जाएगी। केपीएमजी इंडिया की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017-18 में भारतीय कंपनियों ने सामाजिक कार्यों के लिए 7,536.3 करोड़ रुपए खर्च किए थे। साल 2014-15 से अब तक यानी चार साल में कंपनियों के सीएसआर खर्च में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कंपनी अधिनियम के मुताबिक, यदि कोई भी कंपनी तीन साल तक निर्धारित सीएसआर फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाती है तो फिर उसे राशि को नेशनल सीएसआर फंड में जमा करना होगा। अधिकारियों का कहना है कि, इस एक्ट के संशोधित होने के बाद सभी कंपनियों की सीएसआर गतिविधियों में जवाबदेही तय करने में भी आसानी रहेगी। सुचारु कामकाज के लिए इस विधेयक में राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) को ज्यादा प्रशासनिक शक्ति देने का भी प्रस्ताव रहेगा। गौरतलब है कि जिन भी कंपनियों की कुल संपत्ति 500 करोड़ की है या फिर उन्हें 5 करोड़ या इससे ज्यादा लाभ होता है तो उन्हें इस लाभ का 2 प्रतिशत हर साल सामाजिक कार्यों पर खर्च करना होगा।