चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था के हालात लगातार बिगड़ते चले जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जल्दी ही बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा सकती है। कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों और इससे निबटने के उपायों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान पीएम मोदी ने उद्योगपतियों संग करीब 75 मिनट तक चर्चा की।
जानकारी के मुताबिक, चर्चा के दौरान पीएम मोदी सिर्फ 10 मिनट ही बोले और बाकि पूरे समय वह उद्योगपतियों की ही सुनते रहे। चर्चा के दौरान उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने सरकार को यह भी आश्वस्त किया है कि वह कोरोना वायरस से लड़ने में इस्तेमाल होने वाले चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए हर मुमकिन मदद करेगा। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए भी वह सरकार का पूरा साथ देगा।
चर्चा के दौरान उद्योगपतियों ने एक चिंता कर्ज चुकाने की भी जताई। पूरा देश लॉकडाउन होने के कारण हर तरह की औद्योगिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में जिन जिन भी उद्यमी की मासिक किस्त कट रही है, उन्हें आगे इसे जारी रखना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री से यह मांग की है कि कम से कम छह महीने तक बकाये कर्ज पर ब्याज नहीं लिया जाए। साथ ही कर्ज की अवधि में छह महीने की वृद्धि कर इस काम को आसानी से किया जा सकता है। साथ ही उद्योगपतियों ने नए कर्ज के लिए ब्याज दर को 1 फीसदी तक घटाने का भी सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संकट के बीच मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई ऐलान किए थे। उन्होंने कहा था कि, ‘अर्थव्यवस्था के जिस भी क्षेत्र में दिक्कत होगी, उसे दूर किए जाएंगे। आज से इसकी शुरुआत हो चुकी है और आगे भी इसे लेकर कई घोषणाएं हो सकती हैं।’ जब सीतारमण से बैंक लोन और ईएमआई पर राहत देने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि, ‘जरूरत पड़ने पर इसको लेकर भी ऐलान किए जाएंगे।’ वित्त मंत्री द्वारा दिए गए इस बयान के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही लोन या क्रेडिट कार्ड की ईएमआई दे रहे लोगों को तत्काल छूट मिल सकती है।