चैतन्य भारत न्यूज
जिस कोरोना ने 2019 से लेकर 2020 के आखिर तक पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी थी, अब उसका आखिरी वक्त आ गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन सीमित इस्तेमाल की इजाजत दे दी। भारत में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन अभियान शुरू होने जा रहा है। वैक्सीन लेने से हर पहले हर किसी के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल है, जिसे हर कोई जानना चाहता है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी सवालों का जवाब देकर सभी शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है।
क्या सबको एक साथ वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा?
–केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 50 साल से ऊपर के गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को टीका लगेगा। पहले और दूसरे चरण के बाद वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए केंद्र सरकार फैसला लेगी।
क्या वैक्सीन का टीका लगवाना अनिवार्य है?
–टीकाकरण की प्रक्रिया एकदम स्वैच्छिक है अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवाने से मना करता है तो उसपर टीका लगवाने की कोई बाध्यता नहीं है।
कोरोना वायरस वैक्सीन के कितने डोज लेने होंगे और कितने दिन का गैप रहेगा?
–वैक्सीन के दो डोज के बीच 28 दिन का अंतर रखने की आवश्यकता होती है। इसका ध्यान वैक्सीन का टीका लगवाने सभी को रखना होगा।
शरीर में एंटीबॉडी कब बनेगी?
–कोरोना वायरस का दूसरा डोज लेने के दो हफ्ते बाद आमतौर पर शरीर में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी विकसित हो जाती है।
कोरोना की ये दोनों वैक्सीन कितनी कारगर हैं?
–70 फीसदी से ज्यादा कारगर
क्या वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट है?
–नहीं, अब तक चूहे से लेकर बंदर और चिंपाजी जैसे प्राइमेट्स और इंसानों पर किए गए ट्रायल में ऐसा कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया।
अंतराल के दौरान कोरोना संक्रमण संभव?
–हां, पूरी इम्यूनिटी डोज पूरा होने पर ही। हाल ही में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री को वैक्सीन ट्रायल की पहली डोज लगी थी लेकिन उसके बावजूद दूसरी डोज लगने से पहले वो कोरोना संक्रमित हो गए।