चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक दुनिया में करीब 3 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं। नौ लाख चार हजार से अधिक लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं. वहीं भारत दूसरे स्थान पर है।
बता दें अमेरिका में अब तक 65 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि भारत में ये संख्या 44 लाख के पार पहुंच गई है। अब तक हुए शोध में यही बात सामने आई है कि कोरोना वायरस से फिलहाल बचाव के उपायों में मास्क का इस्तेमाल, सामाजिक दूरी, समय-समय पर हाथ साबुन से धोना आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं कोरोना से जुड़े कुछ सवालों के जवाब, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद ही जरूरी है।
मास्क लगाने पर सांस लेने के बाद खांसी आती है, ऐसा क्यों?
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. अपर्णा अग्रवाल ने बताया कि, ‘मास्क लगाने को लेकर कई शोध हो चुके हैं। यदि कॉटन के मास्क लगा रहे हैं तो कोई परेशानी नहीं होगी और अगर मेडिकल मास्क का उपयोग कर रहे हैं, तो ये आम आदमी के लिए नहीं बल्कि डॉक्टरों के लिए है। आम लोगों को ज्यादा देर तक सर्जिकल/एन95 मास्क लगाने पर परेशानी हो सकती है।’
बच्चों के लिए जारी मास्क एडवाइजरी क्या है?
डॉ. अपर्णा अग्रवाल के मुताबिक, ‘पहले माना जाता था कि बच्चों में वायरस लोड कम होता है, लेकिन अब देखा गया है कि उनमें भी वायरस लोड ज्यादा है। इसलिए मास्क की एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें 12 साल के ऊपर के बच्चों को मास्क पहनाना जरूरी है और 6-11 साल के बच्चों को मास्क पहनाएं और निगरानी रखें, क्योंकि बच्चे चंचल, नटखट होते हैं, ठीक से पहने हुए हैं या नहीं, इसका ध्यान रखना है। पांच साल से कम उम्र के बच्चे जो मास्क नहीं पहनते हैं, उन्हें घर में सुरक्षित रखें।’
मास्क का सही इस्तेमाल कैसे करें?
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. एम. के. सेन के मुताबिक, ‘जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क का उपयोग जरूर करें। अगर घर में सभी स्वस्थ हैं तो मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। एक बार मास्क लगाने के बाद उसे अगले दिन उपयोग न करें। अगर कपड़े का बना है, तो उसे धोकर लगा सकते हैं। बेहतर होगा अपने साथ में दो मास्क रखें, ताकि एक धोने के बाद दूसरा उपयोग कर सकें। अगर सर्जिकल मास्क है, तो उसे इस्तेमाल करने के बाद नष्ट कर दें।’
होम क्वारंटाइन के दौरान क्या कोरोना मरीज के कपड़े बाकी कपड़ों के साथ धो सकते हैं?
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं, ‘जरूरी नहीं है कि लक्षण हों तभी होम क्वारंटाइन किया जाए। संक्रमित के संपर्क में आने का अंदेशा होने पर भी होम क्वारंटाइन किया जाता है। जरूरी नहीं है कि वो पॉजिटिव हो। इसलिए साथ में कपड़े धो सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि वो नेगेटिव है, टेस्ट तो करवाना ही होगा। अगर पॉजिटिव आ जाए तो आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति के कपड़े अलग धुलने चाहिए। अगर संभव हो तो मरीज खुद ही अपने सामानों की साफ-सफाई करे तो अच्छा है।’