चैतन्य भारत न्यूज
राजकोट. एक पिता अपनी बेटी की शादी में उपहार के रूप में रुपए, कपड़े, गहने जेवरात, गाड़ियां और सामान देता है, लेकिन गुरुवार को हरदेव सिंह नामक एक पिता ने अपनी बेटी को उसकी ख्वाहिश के मुताबिक शादी में उसके वजन के बराबर करीब 2,200 किताबें दीं। इतना ही नहीं बल्कि बेटी की खुशी तो तब दुगनी हो गई जब शादी में आए अतिथियों ने भी उसे आशीर्वाद के साथ करीब 200 पुस्तकें भेंट में दीं।
बचपन से है किताबों का शौक
यह शादी गुजरात में राजकोट के नानामवा गांव में हुई। शिक्षक-प्रिंसिपल हरदेव सिंह की बेटी किन्नरी बा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक है। किन्नरी ने राज्य स्तरीय निबंध स्पर्धा से लेकर भाषण और वाद-विवाद तक में खूब ईनाम जीते हैं। ईनाम के रूप में भी उन्हें पुस्तकें मिलतीं थी। धीरे-धीरे किन्नरी ने अपने घर में 500 पुस्तकों की लाइब्रेरी बना ली।
पिता को दी किताबों की लिस्ट
जब किन्नरी की शादी वडोदरा के इंजीनियर पूर्वजीत सिंह से तय हुई तो उनके पिता ने पूछा- दहेज में क्या चाहिए? इसके बाद किन्नरी ने कहा कि, ‘पिताजी मुझे एक दिन का समय दीजिए।’ फिर किन्नरी ने अपने पिता को 2,200 किताबों की लिस्ट दे दी। उन्होंने कहा कि, ‘मेरी शादी में आप दहेज में मेरे वजन के बराबर किताबें देंगे तो मुझे अच्छा लगेगा। आपके दिए संस्कारों को तो मैं जी रही हूं। लेकिन मेरी इच्छा है कि जिन किताबों को मैंने आज तक नहीं पढ़ा, उसे पढ़कर ज्ञान का विस्तार करूं। यह मुझे और भविष्य की पीढ़ी को और अधिक संस्कारित करने में मदद करेगा।’
किताबें इकट्ठा करने में लगे 6 महीने
बेटी के यह कहने के बाद पिता हरदेव सिंह ने तय किया कि, वे हर हाल में उसकी इच्छा पूरी करेंगे। हरदेव सिंह ने बताया कि, उन्हें अपनी बेटी की पसंदीदा किताबों को इकट्ठा करने में 6 महीने लग गए। लिस्ट में महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें और साथ ही धर्म, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि किताबें शामिल हैं।