चैतन्य भारत न्यूज
पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोखरण जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को लेकर संकेत दिए कि भारत परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने से जुड़ी अपनी नीति को कभी भी बदल सकता है।
Pokhran is the area which witnessed Atal Ji’s firm resolve to make India a nuclear power and yet remain firmly committed to the doctrine of ‘No First Use’. India has strictly adhered to this doctrine. What happens in future depends on the circumstances.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2019
रक्षा मंत्री ने कहा कि, ‘परमाणु युद्ध को लेकर अब तक हमारी नीति ‘पहले इस्तेमाल न करने’ की रही है। अब भविष्य में क्या होता है, यह उस वक्त के हालात पर निर्भर करता है।’ इस दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साहसिक फैसले का जिक्र भी किया। बता दें मई 1998 में जब पोखरण में 5 परमाणु परीक्षण किए गए थे तो उस समय वाजपेयी ही प्रधानमंत्री थे। उन्होंने एक ट्वीट भी किया जिसमें लिखा कि, ‘पोखरण वहीं जगह है जो अटल जी के परमाणु शक्ति बनने के दृढ़ संकल्प की गवाह बनी थी। हम अब भी ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस सिद्धांत का भारत कड़ा पालन करता है। लेकिन भविष्य में क्या होता है ये तो परिस्थितियों पर निर्भर करता है।’
#WATCH: Defence Minister Rajnath Singh says in Pokhran, “Till today, our nuclear policy is ‘No First Use’. What happens in the future depends on the circumstances.” pic.twitter.com/fXKsesHA6A
— ANI (@ANI) August 16, 2019
Visited Pokhran today and paid homage to the former Prime Minister of India and one of the stalwarts of Independent India, Atal Bihari Vajpayee ji on his first death anniversary. pic.twitter.com/fhyGyolDqc
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2019
बता दें नो फर्स्ट यूज (NFU) का मतलब है जब तक विरोधी हमपर परमाणु हथियार से हमला न करे तब तक हमें इसका इस्तेमाल नहीं करना है। भारत ने परमाणु हथियार को आगे बढ़कर इस्तेमाल न करने की पालिसी 1998 में पोखरण-2 के बाद अपनाई थी।