चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है। इस बार धनतेरस का त्योहार 13 और 14 नवंबर को है। धनतेरस के दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर धनतेरस पर किसी अन्य व्यक्ति को धन क्यों नही दिया जाता? अगर नही, तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
इसलिए धनतेरस पर नहीं दिया जाता धन
पुराणों में माना गया है कि, धनतेरस से दिवाली तक मां लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि घर-घर जाते हैं। इस दिन यदि किसी ने उन्हें अपने घर बुलाने की जगह किसी अन्य घर भेज दिया तो उसके घर निर्धता और रोग का वास हो जाता है। यही कारण है कि धनतेरस से दीवाली के बीच कोई भी किसी को धन या धातु वाली चीजें नहीं देता। मान्यता है कि, ऐसा करने से लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि का अपमान होता है।
इसलिए धनतेरस पर खरीदे जाते हैं बर्तन
पुराणों के मुताबिक, धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथ में अमृत कलश और पीतल के आभूषण थे। यही कारण है कि धनतेरस पर भगवान की पूजा के साथ बर्तन या किसी पीली धातु को जरूर खरीदा जाता है। इस दिन खरीदा गया सामान या धातु को माना जाता है कि इसकी कभी क्षति नहीं होती, इसलिए छोटी ही सी चीज, धनतेरस पर लोग कुछ न कुछ खरीदते हैं।