चैतन्य भारत न्यूज
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर हम आपको योग और व्यायाम में अंतर बता रहे हैं। अक्सर ही लोग योग और व्यायाम को एक जैसा समझ बैठते हैं। लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। योग और व्यायाम एक-दूसरे से बिल्कुल अलग तरह की विधा हैं। व्यायाम करने से सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं वहीं योग करने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से मजबूत बनता है। योग से शरीर की स्थिरता बनी रहती है जबकि व्यायाम से शरीर की गतिशीलता बढ़ती है। आइए जानते हैं योग और व्यायाम में पांच बड़े अंतर-
भूख में अंतर-
व्यायाम करने से पाचन शक्ति तेज हो जाती है जिससे व्यक्ति को भूख ज्यादा लगती है। ऐसे में वह ज्यादा खाने लगता है। वहीं योग करने से पाचन शक्ति धीमी होती है और इससे भूख लगना भी कम हो जाती है। व्यायाम करने से ऊर्जा तेजी से खर्च होती है जिससे आप जल्दी थक जाते हैं। लेकिन योग करते समय ऊर्जा धीरे-धीरे खर्च होती है और इससे थकान नहीं होती बल्कि तरो ताजा और अच्छा महसूस होने लगता है।
सांस लेने की प्रक्रिया अलग-
व्यायाम करने के दौरान सांसें तेज हो जाती हैं। लेकिन योग के दौरान सांसों पर संतुलन सिखाया जाता है और इसमें आसन के आधार पर सांस लेनी होती है। योग का असर आंतरिक अंगों पर होता है जबकि व्यायाम से शरीर बाहर से ताकतवर दिखाई देता है।
लचीलापन और कसावट-
व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियों में कसावट आती है। बल्कि योग करने से शरीर लचीला हो जाता है। दरअसल, व्यायाम तीव्रता और प्रबलता पर जोर देता है। इससे मांसपेशियों को नुकसान भी पहुंच सकता है। लेकिन योग धीमी गति से किया जाता है। इससे शरीर की सहनशक्ति बढ़ती है। योग करने से मांसपेशियां भी कमजोर नहीं होती हैं।
व्यायाम और योग का उम्र से संबंध –
व्यायाम करने का कोई सिद्धांत नहीं होता है लेकिन योग करने के पांच अहम सिद्धांत होते हैं। यह सिद्धांत हैं- सही भोजन, सही सोच, सही सांसें, नियमित योग और आराम। व्यायाम हर उम्र का व्यक्ति नहीं कर सकता है लेकिन योग सभी लोग कर सकते हैं। बीमार और वृद्ध इंसानों के लिए भी कई तरह के योगासन होते हैं।
ये बातें भी हैं अलग-
व्यायाम करते समय ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता नहीं होती हैं लेकिन योग करते समय सांसों और आसन पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है। इससे शरीर के प्रति जागरूकता बढ़ती है। साथ ही योगासन करने से मानसिक शक्ति भी बढ़ती है। इससे व्यक्ति के अंदर अपनी इन्द्रियों को वश में करने की शक्ति आती है।