चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाए जाते हैं। इन सभी में सबसे अहम बड़ी दिवाली का दिन होता है। आइए जानते हैं इस बार कौन सा त्योहार किस दिन मनाया जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त।
धनतेरस
यह पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन सौभाग्य और सुख की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं।
धनतेरस- शुक्रवार, 25 अक्टूबर
शुभ मुहूर्त- सुबह 7:10 से रात 8:15 तक
नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है।
नरक चतुर्दशी- शनिवार, 26 अक्टूबर
शुभ मुहूर्त- 7: 50 से 5:30
दिवाली
कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। इस दिन घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
दिवाली- रविवार, 27 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: 5:44 से 8:15 तक
गोवर्धन पूजा
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व का सीधा संबंध प्रकृति और मानव से है। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानि दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है.
गोवर्धन पूजा- सोमवार, 28 अक्टूबर
शुभ मुहूर्त- 3:23 बजे से 5:36 तक
भाई दूज
दिवाली के बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाले महापर्व का ये आखिरी पर्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती करती हैं और भाई की लंबी उम्र और अच्छे भविष्य की कामना करती हैं।
भाई दूज- मंगलवार, 29 अक्टूबर
शुभ मुहूर्त
भाई दूज तिलक का समय- 1:11 से 3:25 तक