चैतन्य भारत न्यूज
आज पूरी दुनिया में ‘अर्थ ऑवर डे’ मनाया जाएगा, यानी आज के दिन एक घंटे के लिए दुनिया भर के लोग लाइटें बंद करेंगे और धरती की बेहतरी की कामना करेंगे। बता दें धरती की सुरक्षा और इसकी बेहतरी के लिए हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को अर्थ-ऑवर डे के रूप में मनाया जाता है।
इस मौके पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों के लोग 8।30 बजे से 9।30 बजे तक अपने घरों की लाइटें बंद करके ऊर्जा की बचत करते हैं। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूक करना और उसकी सुरक्षा में योगदान देने के लिए आगे लाना है। कोरोना महामारी के चलते इस साल इस आयोजन का महत्व और बढ़ गया है।
WWF ने साल 2007 में की थी शुरुआत
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) ने साल 2007 में अर्थ-ऑवर डे की शुरुआत की थी। अर्थ आवर संस्था के को-फाउंडर एंडी रिडले ने WWF के साथ मिलकर इस अभियान की शुरुआत की थी। 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे में हिस्सा लिया। इस साल 178 देशों में गैरजरूरी बत्तियां रात 8।30 से 9।30 बजे तक बंद कर दी जाएंगी यानि इस समय दुनियाभर में ब्लैक आउट हो जाएगा। कई लोग कैंडल जलाकर भी अर्थ आवर को सेलिब्रेट करते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार WWF के इस वैश्विक अभियान की मदद से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वर्मिंग जैसी समस्या से लड़ने में मदद मिलेगी।
भारत में कैसे हुई शुरुआत ?
दुनिया भर में अर्थ ऑवर डे के मौके पर लोगों से अपील की जाती है कि वो मात्र एक घंटे के लिए अपने घरों और कार्यालयों पर गैर जरूरी लाइटों और बिजली से चलने वाले उपकरणों को निर्धारित समय तक बंद रखें। भारत में इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी। इसमें 58 शहरों में 50 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद साल 2010 में 128 शहरों के 70 लाख लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया था और बाद में ये सिलसिला बढ़ता चला गया। दिल्ली के लोगों ने साल 2018 में सबसे ज्यादा 305 मेगावाट बिजली बचाई थी। वहीं साल 2020 में 79 मेगावाट बिजली बचाई गई थी।
इन ऐतिहासिक इमारतों पर बंद होती हैं लाइटें
पेरिस के एफिल टावर, न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, दुबई का बुर्ज खलीफा और एथेंस में एक्रोपोलिस उन 24 वैश्विक जगहों में से एक है, जो हर साल अर्थ ऑवर दिवस में हिस्सा लेते हैं। भारत में इस दौरान, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट समेत कई ऐतिहासिक इमारतों की लाइटें बंद की जाती हैं।