चैतन्य भारत न्यूज
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘भारत एक शांतिप्रिय देश है और कश्मीर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं।’ यूरोपीय सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ‘हमारे दौरे को राजनीतिक नजर से देखा गया, जो बिल्कुल ठीक नहीं है। हम सिर्फ यहां पर हालात की जानकारी लेने आए थे।’ साथ ही इन सांसदों ने आर्टिकल-370 को हटाया जाना भारत का आंतरिक मसला बताया और यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए।
ओवैसी को दिया जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा पांच मजदूरों की हत्या की भी निंदा की है। बता दें आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में गोली मारकर पश्चिम बंगाल के 6 मजदूरों की हत्या कर दी थी। इस दौरान सांसदों ने ओवैसी के बयान पर भी जवाब दिया और कहा कि, ‘हम लोग नाजी लवर्स नहीं हैं, अगर हम होते तो हमें कभी चुना नहीं जाता।’ साथ ही उन्होंने इस शब्द के प्रयोग पर काफी आपत्ति भी जताई। बता दें कि AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों की तुलना नाजी लवर्स से की थी और उनपर निशाना साधा था।
आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मसला
सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतंकवाद के मामले पर कहा कि, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं, आतंकवाद का मसला यूरोप के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।’ जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसदों से यह सवाल पूछा गया कि, क्या वह इस दौरे की रिपोर्ट यूरोपीय संसद में जमा करेंगे? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे। आर्टिकल 370 के बारे में सांसदों ने कहा कि, ‘ये भारत का आंतरिक मसला है, अगर भारत-पाकिस्तान को शांति स्थापित करनी है तो दोनों देशों को आपस में बात करनी होगी।’
कांग्रेस ने किया विरोध
बता दें यूरोपीय संसद के करीब 23 सांसद मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचे थे। इन सांसदों ने श्रीनगर के स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और सरपंचों से मुलाकात की थी। इसके अलावा वे सभी लोग मशहूर डल झील भी गए थे। श्रीनगर जाने से पहले सभी सांसदों के दल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के साथ मुलाकात की थी। विदेशी सांसदों के इस दौरे पर भारत में राजनीतिक हलचल तेज बनी हुई है। कांग्रेस समेत कई विरोधी दलों ने इस दौरे का विरोध किया था। दरअसल, मोदी सरकार ने कई विपक्षी दलों के नेताओं को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी थी लेकिन इन विदेशी सांसदों को कश्मीर जाने की इजाजत मिल गई। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार की नीति पर कई सवाल खड़े किए थे।