चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को लेकर चल रहा राजनीतिक घमासान थमने की जगह बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल (डब्ल्यूएसजे) में छपे आलेख में आरोप लगाया गया कि फेसबुक भाजपा के विरोध वाले पोस्ट को सेंसर कर रहा है। इस मामले में अब कांग्रेस ने एक बार फिर फेसबुक से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की है।
कांग्रेस ने मंगलवार को फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच पूरी होने तक उसके भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नई टीम को सौपीं जाए ताकि तफ्तीश की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया है कि, फेसबुक इंडिया की कर्मचारी अंखी दास ने चुनाव संबंधी काम में बीजेपी को मदद पहुंचाया है। इस पूरे मामले की हाई लेवल जांच की जरूरत है और इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक किए जाने की जरूरत है। वेणुगोपाल ने यह भी कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक फेसबुक इंडिया की नई टीम को काम सौंपना चाहिए।
वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही मार्क जुकरबर्ग को इस तरह की चिट्ठी लिखी है। इनमें पहले भी कई फेसबुक अधिकारियों पर पक्षपात का मुद्दा उठाया जाता रहा है। कांग्रेस ने कहा है कि फेसबुक इंडिया की टीम की जांच कराई जानी चाहिए और रिपोर्ट देश के सामने भी रखनी चाहिए।
In the past, Sonia Gandhi had said this is ‘aar-par ki ladaai’ & Rahul Gandhi said ‘Public will beat PM Modi with sticks’; Is this not hate speech? : Union Minister Ravi Shankar Prasad on Congress’ letter to FB CEO Mark Zuckerberg regarding hate speech https://t.co/IHuali09v4 pic.twitter.com/nLtxdsEtNF
— ANI (@ANI) August 18, 2020
भाजपा का बयान
कांग्रेस के फेसबुक से जांच की मांग पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि, सोनिया गांधी का ‘आर-पार की लड़ाई’ वाला बयान भी हेट स्पीच के दायरे में आता है। रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले दिनों सोनिया गांधी ने कहा था कि यह ‘आर-पार की लड़ाई’ है और राहुल गांधी ने कहा कि ‘जनता पीएम मोदी को डंडों से पीटेगी’; क्या यह हेट स्पीच नहीं है?
फेसबुक ने दी सफाई
फेसबुक ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है। फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है।