चैतन्य भारत न्यूज
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पहली बार किसानों के आंदोलन पर अपना बयान जारी किया है। अमित शाह ने कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूं कि भारत सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें 3 दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। किसानों की हर समस्या और मांग पर सरकार विचार करने के लिए तैयार है।’
केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार चौथे दिन जारी है। विरोध प्रदर्शन के लिए एक स्थान निर्धारित होने के बावजूद किसानों ने शुक्रवार की रात हरियाणा की सिंघु बॉर्डर पर गुजारी। शनिवार को किसानों ने एक बार फिर बैठक की, जिसमें उन्होंने आगे की रणनीति पर मंथन किया। इसके बाद किसानों ने सिंघु बॉर्डर से नहीं हटने का फैसला लिया है। पुलिस लगातार किसान नेताओं के संपर्क में है और उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है।
If farmers’ unions want to hold discussion before 3rd December then, I want to assure you all that as soon as you shift your protest to designated place, our government will hold talks to address your concerns the very next day: Union Home Minister Amit Shah https://t.co/HjAcecdqQF
— ANI (@ANI) November 28, 2020
अमित शाह ने कहा है कि भारत सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से बुराड़ी में प्रदर्शन करें। उनका कहना है कि जिस दिन आप बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में शिफ्ट होंगे उसके अगले ही दिन सरकार आपसे बात करेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘भारत सरकार किसानों की समस्याओं के लिए किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा है और मुझे आशा है कि वो सब लोग आएंगे और इस बातचीत के जरिए रास्ता ढूढेंगे। मैं राजनीतिक दल के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर उनको राजनीति करनी है तो अपने नाम पर राजनीति करें, लेकिन किसानों के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए।’