चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। इस दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर गए। कुछ सांसदों ने ‘शेम-शेम’ के नारे भी लगाए। बता दें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर सोमवार को गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था।
Delhi: Former Chief Justice of India Ranjan Gogoi takes oath as Rajya Sabha MP. President Ram Nath Kovind nominated him to the Rajya Sabha. pic.twitter.com/pnQ2uTWVfH
— ANI (@ANI) March 19, 2020
विपक्ष ने उठाए सवाल
कुछ विपक्षी दलों ने रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य नामित किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, क्या यह इनाम है? लोगों को जजों की स्वतंत्रता में यकीन कैसे रहेगा?
Members of opposition parties walk out from the House as Former Chief Justice of India Ranjan Gogoi takes oath as Rajya Sabha MP. https://t.co/HrtZ1vMrcP pic.twitter.com/UgITFNxREP
— ANI (@ANI) March 19, 2020
सिब्बल ने पूछे 5 सवाल
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रंजन गोगोई से पांच सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा था, ‘रंजन गोगोई कृपया यह भी बताएं कि अपने ही केस में खुद निर्णय क्यों? लिफाफा बंद न्यायिक प्रणाली क्यों? चुनावी बॉन्ड का मसला क्यों नहीं लिया गया? राफेल मामले में क्यों क्लीन चिट दी गई? सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया गया?’
गोगोई विवादास्पद मुख्य न्यायाधीश: कांग्रेस नेता
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि, ‘हमें आपत्तियां हैं। वह एक विवादास्पद मुख्य न्यायाधीश थे। उनकी नियुक्ति ने Quid Pro Quo का मुद्दा उठाया। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करता है, इसलिए हम सदन से बाहर चले गए।’ आनंद शर्मा ने रंजन गोगोई पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पूर्व सीजीआई ने ने कई मामलों की सुनवाई में देरी की। इसका उनको इनाम मिला है।’
Union Min Ravi Shankar Prasad: RS has a great tradition of many eminent persons coming from diverse fields, including former CJIs. Gogoi who has taken oath today will surely contribute his best. It was grossly unfair to do like that (oppn walk out during his oath-taking ceremony) https://t.co/u3o2plxbod pic.twitter.com/ZLkzPfsEfL
— ANI (@ANI) March 19, 2020
इसके बाद राज्यसभा में मौजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के विरोध की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, ‘इससे पहले भी इस सदन की शोभा कई न्यायाधीशों ने बढ़ाई है, लेकिन इस तरह से विपक्ष का विरोध शर्मनाक है।’
कौन हैं रंजन गोगोई?
बता दें रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक पदभार संभाला। गोगोई का जन्म 18 नवंबर, 1954 को असम में हुआ था। उन्होंने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से शिक्षा पूरी की। 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। फिर 23 अप्रैल, 2012 को गोगोई सर्वोच्च न्यायालय के जज बने और फिर चीफ जस्टिस भी बने। गोगोई 17 नवंबर 2019 को चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए। उनकी जगह जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को नियक्त किया गया।