चैतन्य भारत न्यूज
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस बार देशभर में गणेश चतुर्थी 22 अगस्त को यानी आज मनाई जा रही है। इसके लिए तैयारियां शुरू भी हो चुकी हैं। आइए जानते हैं किस मुहूर्त में गणेश स्थापना करना सही होगा। इसके अलावा हम आपको बताएंगे की गणेश जी की कैसी प्रतिमा स्थापित करना चाहिए।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा दोपहर के समय करना शुभ माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग पर गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना शुभ रहेगा।
चौघड़िया अनुसार
- गणेश चतुर्थी का आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 4 मिनट से।
- गणेश चतुर्थी तिथि का समापन 22 अगस्त शाम 7 बजकर 58 मिनट।
- शुभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 58 से 9 बजकर 30 तक।
- लाभ चौघड़िया दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 52 मिनट तक।
- अमृत चौघड़िया शाम 3 बजकर 53 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक।
ऐसी प्रतिमा करें स्थापित
बैठी मुद्रा में लें प्रतिमा
शास्त्रों के मुताबिक, गणेश प्रतिमा हमेशी बैठी हुई मुद्रा में ही लेनी चाहिए। क्योंकि खड़े हुए गणेश को चलायमान माना जाता है।
बाईं सूंड वाले गणेश जी
यदि गणेश की सूंड प्रतिमा के बाएं हाथ की ओर घूमी हुई हो तो उन्हें वक्रतुंड कहा जाता है। इनकी पूजा-आराधना में बहुत ज्यादा नियम नहीं रहते हैं। आप आसानी से इनकी पूजा कर सकते हैं।
दाईं सूंड वाले गणेशजी
सिद्धि विनायक का पूजन करते समय भक्त को रेशमी वस्त्र धारण कर नियम से सुबह-शाम पूजा करनी चाहिए। भक्त को जनेऊ धारण कर उपवास रखना होता है।