चैतन्य भारत न्यूज
देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल चतुर्थी तिथि 22 अगस्त यानी शनिवार को है। इस चतुर्थी को बहुत ही खास योग बन रहा। ऐसा योग 126 साल बाद बना है। गणेश पुराण के मुताबिक, इसी शुभ दिन गणेशजी का जन्म हुआ था।
कहा जाता है कि गणेश जी ही एक ऐसे देवता हैं, जो भौतिक और आध्यात्मिक दोनों ही प्रकार की सफलताओं को एक साथ देने में समर्थ-सक्षम हैं। किसी भी मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणपति का ध्यान और पूजन किया जाता है। बता दें गणेश स्थापना से ही गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाएगी और 10 दिन के बाद यानी अनंत चतुर्दशी के दिन ये उत्सव खत्म होता है।
इस चतुर्थी बन रहा है शुभ संयोग
इस वर्ष गणेश चतुर्थी ऐसे समय में मनाई जा रही है जब सूर्य सिंह राशि में और मंगल मेष राशि में हैं। सूर्य और मंगल का यह योग 126 साल बाद बन रहा है। यह योग विभिन्न राशियों के लिए अत्यंत फलदायी रहेगा। गणेश चतुर्थी पर हर साल जगह-जगह झांकी पांडाल सजाए जाते थे व प्रतिमाएं स्थापित की जाती थीं, लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते गणेश जी की झांकियां लगाना प्रतिबंधित है।
गणेश पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
इस दिन चौघड़िया मुहूर्त शुभ है। 22 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शाम 4 बजकर 48 मिनट तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया है।