चैतन्य भारत न्यूज
हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक गणेश चतुर्थी का काफी महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता श्री गणेश का जन्म हुआ था। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को देशभर में खास तौर से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गणेशजी का यह जन्मोत्सव चतुर्थी तिथि से लेकर 10 दिनों तक चलता है। इस बार यह चतुर्थी 22 अगस्त दिन शनिवार को है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय हैं इसलिए उनकी पूजा में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात का ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं गणेश पूजा के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखा जाता है।
गणेश पूजा में न करें ये गलतियां
- गणपति के पूजन में गलती से किसी भी व्यक्ति को नीले और काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।
- भगवान गणेश की पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए। कहा गया है कि गणेश के शरीर पर ब्रह्मांड के सभी अंग निवास करते हैं। उनकी पीठ पर दरिद्रता का वास है, जो भी पीठ के दर्शन करता है तो दरिद्रता का प्रभाव बढ़ जाता है।
- यदि गणपति की मूर्ति के पास अंधेरा है तो उनकी मूर्ति को स्पर्श न करें। अंधरे में भगवान की मूर्ति को छूना महापाप माना जाता है।
- पूजा स्थान पर एक साथ दो गणेश प्रतिमाएं नहीं होना चाहिए। इससे फल प्राप्ति में बाधा आती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार पूजा घर में केवल एक गणपति प्रतिमा रखनी चाहिए।
- गणेशजी की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है। इनकी पूजा करते समय सफेद चंदन की बजाय लाल चंदन का प्रयोग करना चाहिए।
- गणेशजी को दूर्वा चढ़ाना शुभ और फलदायी होता है। पूजा के समय 21 दूर्वा अर्पित करें। मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
- गणेश जी को जनेऊ पहनाएं। उनकी पूजा तीनों समय की जाती है। तीनों पहर न हो पाए तो दोपहर और शाम को केवल पुष्प अर्पित कर पूजा कर लें।