चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. सोने के गहने खरीदने और बेचने के तरीकों में बुधवार यानी आज से बड़ा बदलाव हो रहा है। अब आप पहले की तरह सोना खरीद या बेच नहीं पाएंगे। केंद्र सरकार ने सोने के सभी आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है, जिसकी प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो जाएगी। आज से एक साल बाद यानी 15 जनवरी, 2021 से यह कानून लागू हो जाएगा।
नए नियम के मुताबिक, 15 जनवरी 2021 से ज्वैलरी विक्रेता सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने से बने हॉलमार्क वाले आभूषण और स्वर्ण कलाकृतियां ही बेच सकेंगे। इसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना भी लगेगा। गंभीर मामलों में उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि, ‘सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए देशभर में जिला स्तर पर एसेसिंग सेंटर खोले जाएंगे और आभूषण कारोबारियों के लिए बीआईएस के पास पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। हॉलमार्क बगैर गहने व कलाकृतियां बेचने पर आभूषण विक्रेताओं को भारी जुर्माना भरना पड़ेगा और उन्हें एक साल जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।’
सभी शहरों में हॉलमार्किंग केंद्र बनाए जाएंगे
जानकारी के मुताबिक, सरकार सभी शहरों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है। बता दें फिलहाल देश के 234 शहरों में इस तरह के केंद्र हैं। राम विलास पासवान ने कहा कि, ‘लोग भी एक तय फीस देकर आभूषणों की गुणवत्ता की जांच करा सकते हैं।’ जिन लोगों के पास पुराने आभूषण है, क्या उनके लिए भी हॉलमार्किग जरुरी होगी? इस सवाल का जवाब देते हुए पासवान बोले कि, ‘यह ज्वैलर्स के लिए है। आम नागरिक अपने आभूषणों के बदले हॉलमार्क वाले आभूषण बदल सकते हैं।’
पासवान ने कहा कि, ‘हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद लोग अपनी पसंद के डिजाइन से आभूषण बनवा सकते हैं, पर ज्वैलर को यह आभूषण 14, 18 या 22 कैरेट सोने से ही बनाने होंगे। इससे कम या अधिक कैरेट का आभूषण या कलाकृतियों को नहीं बना सकते हैं। इसके बाद उपभोक्ता हॉलमार्किग केंद्र में आभूषण की जांच कराकर कैरेट का पता कर सकता है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब चार लाख ज्वैलर्स हैं। इनमें अभी तक सिर्फ 28 हजार 849 ज्वैलर्स ने हॉलमार्किंग के लिए पंजीकरण कराया है।
बीआईएस के उपमहानिदेश (डीडीजी) एच. एस. पसरीचा ने बताया कि, ‘सोने के गहनों पर बीएसआई की हॉलमार्किंग 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट शुद्धता के सोने आभूषणों पर की जाएगी। हालमार्किंग में चार चीजें शामिल होंगी, जिनमें बीआईएस का मार्क, शुद्धता जैसे 22 कैरट व 916, असेसिंग सेंटर की पहचान, आभूषण कारोबारी की पहचान का चिन्ह शामिल हैं।’
‘हम बैठे हैं’ अब नहीं चलेगा
पिछले काफी समय से केंद्र सरकार को आभूषणों में सोने की क्वालिटी को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। दरअसल जब भी ग्राहक सोने की क्वालिटी, उसकी शुद्धता की बात करते हैं तो दुकानदार ‘हम बैठे हैं’ बोलकर उनके सवाल का जवाब टाल देते हैं। इसके बाद जब ग्राहक किसी दूसरी दूकान पर उन आभूषण को लेकर जाता है तो उन्हें सोने की शुद्धता के बारे में पता चलता है। इसलिए अब सरकार ने किसी भी आभूषण को बिना हॉलमार्क के न बेचने का फैसला लिया है।
हॉलमार्क क्या है ?
हॉलमार्क सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने की एक प्रणाली है। हर सोने, चांदी या कीमती धातुओं पर हॉलमार्क का निशान होता है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का हॉलमार्क चिन्ह प्रमाणित करता है कि आभूषण बीआईएस के मानकों पर खरा उतरता है। आभूषणों में मिलावट रोकने के लिए हॉलमार्किंग की व्यवस्था है। हॉलमार्क के तिकोने निशान में सोने की शुद्धता, आभूषण के निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।