चैतन्य भारत न्यूज
दुनियाभर में कोरोना के कहर से बचने के लिए सभी को हाथ अच्छे से धोने की सलाह दी जा रही है। इसी बीच गूगल ने विशेष डूडल के जरिए हाथ कैसे धोना चाहिए ये सभी को दिखाने की कोशिश की है। एक एनिमेटेड वीडियो के जरिए गूगल ने हाथ धोने की सही तकनीक लोगों के सामने पेश की है। डूडल को वैज्ञानिक इग्नाज सेमेलवीज (Ignaz Semmelweis) को समर्पित किया गया है। आइए जानते हैं कौन हैं डॉ. इग्नाज सेमेलवीज।
कौन है इग्नाज सेमेलवीज
डॉ. इग्नाज सेमेलवीज को पूरी दुनिया ‘फादर ऑफ इन्फेक्शन कंट्रोल’ (father of infection control) के नाम से जानती है। दरअसल, 9वीं सदी के मध्य में एक ऐसा दौर आया जब एक अज्ञात बीमारी से लोग तेजी से मौत के मुंह में समा रहे थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय समाज में हाथ धोने की प्रथा नहीं थी। यहां तक की डॉक्टर भी हाथ नहीं धोते थे। डॉ. इग्नाज सेमेल्विस ने देखा कि मां बनने वाली औरतें और नवजात बच्चे अज्ञात बीमारी के कारण तेजी से मर रहे हैं। उस समय डॉ. इग्नाज सेमेल्विस ने प्रस्ताव रखा कि सबसे पहले डॉक्टर हाथ साफ रखना शुरू करेंगे। उन्होंने पाया कि डॉक्टर और अन्य स्टाफ अनजाने में महिलाओं और अन्य रोगियों के बैक्टीरिया से संक्रमित कर रहे थे। यही वजह थी कि मां बनने वाली महिलाओं को इंफेक्शन हो रहा था।
सेमेलवीज के साथी डॉक्टर उनसे काफी नाराज हुए। बहुत सारे डॉक्टरों ने उनकी बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया इसलिए यह प्रयोग ज्यादा कामयाब साबित नहीं हो सका। डॉक्टर ये मानने को तैयार नहीं थे कि अस्पतालों की गंदगी और हाथों के संक्रमण से बीमारी फैलती है। इग्नैज की मौत के बाद ही सामने आया कि हाथ धोने की जरूरत को लेकर किए गए उनके दावे सही थे। उनके काम को याद करते हुए गूगल ने डूडल शेयर किया है, जिसमें हाथ धोने का सही तरीका दिखाया गया है। डॉ. इग्नाज वियाना के जनरल अस्पताल में कार्यरत थे। आज ही के दिन वो मेटरनिटि क्लीनिक वियाना जनरल हॉस्पिटल के चीफ रेजिडेंट बनाए गए थे। सेमेल्विस का जन्म हंगरी जिसे (अब ‘बुडापेस्ट’ के नाम से जाना जाता है) में हुआ था। उन्होंने वियाना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।