चैतन्य भारत न्यूज
सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी की 20 जनवरी यानी आज जयंती है। गुरु गोविंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु, योद्धा, दार्शनिक और कवि थे। सिख धर्म में उनके विशाल योगदान के कारण, उन्हें उनके कई अनुयायियों द्वारा शाश्वत गुरु माना जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरु गोविंद सिंह से जुड़ी कुछ खास बातें।
इसलिए मनाई जाती है गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती
माना जाता है कि दसवें गुरु जी की शिक्षाओं का सिखों पर बड़ा प्रभाव है। यह वास्तव में उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के तहत था कि खालसा ने एक सख्त नैतिक संहिता और आध्यात्मिक झुकाव का पालन किया। योद्धा, आध्यात्मिक गुरु, लेखक और दार्शनिक, गुरु गोविंद सिंह ने कई साहित्यिक कृतियों का भी उल्लेख किया है। 1708 में, अपनी मृत्यु से पहले, दसवें गुरु ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी सिख गुरु घोषित किया।
गुरु गोविंद सिंह के अनमोल विचार
- धरम दी किरत करनी : अपनी जीविका ईमानदारी से काम करते हुए चलाएं।
- दसवंद देना : अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें।
- कम करन विच दरीदार नहीं करना : काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही (कमी) न बरतें।
- धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना : जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंड न करें।
- किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना : किसी की चुगली व निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें।
- बचन करकै पालना : अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करते रहना।