चैतन्य भारत न्यूज
हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा को बहुत खास माना गया है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 05 जुलाई को है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है।
महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था। वह संस्कृत के विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की रचना की थी, इसलिए उन्हें वेद व्यास के नाम से भी जाना जाता है। उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। बता दें, गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा 4 जुलाई 2020 को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से 5 जुलाई 2020 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इस बीच आप किसी भी वक्त गुरु की उपासना कर सकते हैं।
गुरू पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का जाप करें-
- ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
- ॐ गुरुभ्यो नम:।
- ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
- ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।