चैतन्य भारत न्यूज
हर किसी की चाहत होती है कि उसके परिवार की गिनती दुनिया के सबसे खुशहाल परिवार में हो। दरअसल परिवार का माहौल हमेशा जिंदादिली और मस्ती का होता है। घर के सदस्य हिलमिल कर एक-दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। वहीं कुछ परिवार ऐसे होते हैं जहां मायूसी, उदासी और झगड़े-झझंट का माहौल होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिनकी मदद से आप भी अपने परिवार को खुशहाल बना सकते हैं और खुशी-खुशी परिवार के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं।
हर उतार-चढाव में होते हैं साथ
खुशहाल परिवार के लोग जीवन में आई परेशानियों का सामना मिलकर करते हैं। घर के हर सदस्यों को उनके अच्छे-बुरे समय में परिवार उनका साथ देता हैं। वहीं नासमझ परिवारों में किसी काम में मिली असफलता की जिम्मेदारी या किसी प्रकार की गलती का आरोप एक-दूसरे पर लगाया जाता है। यही कारण है कि आए दिन घर में कलह होने लगता है।
बच्चे जानते हैं अपनी सीमाएं
खुशहाल परिवार में बच्चे कोई भी काम अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर नहीं करते हैं। बच्चों को इस बात का ज्ञान होता है कि जो फैसला माता-पिता लेते हैं वह कुछ न कुछ सोच समझकर ही लिया जाता है। जबकि झगड़े उन परिवारों में होते हैं जहां बच्चों को पहले फैसले लेने के लिए छूट दी जाती है और जब बच्चे अपनी मनमानी करते हैं तो माता-पिता उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं। ऐसे में विवाद अधिक बढ़ता है और परिवार खुश नहीं रह पाता है।
एक साथ टीवी एक साथ डिनर
आज के समय में बहुत कम परिवार ऐसे होंगे जो एक साथ बैठकर टीवी देखते हुए खाना खाते होंगे। रात का खाना साथ खाने से परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के करीब लाता है। इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत और हंसी मजाक होती है जो परिवार को मजबूत बनाती है।
ईर्ष्या नहीं मान देना महत्वपूर्ण
खुशहाल परिवार के लोग घर के सदस्यों की सफलता से बहुत खुश होते हैं और उसे आगे बढ़ाने के नए रास्ते दिखाते हैं। जबकि कुछ घरों में अपनों की तरक्की से ईर्ष्या की जाती है। जिस वजह से घर का माहौल नकारात्मक बनता है और सफलता भी उनसे दूर भागती है।
हर कोई करता है टीम वर्क
बड़े और खुशहाल परिवार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे सभी सदस्य सक्रिय रहते हैं और घर के कामकाज में हाथ बटांते हैं। माता-पिता दोनों अगर कामकाजी हो तो इस स्थिति में दोनों को घर के काम को लेकर झंझट नहीं होती है। वहीं बच्चों को भी शुरू से काम करने की आदत पड़ने से आगे भविष्य में काम करने में तकलीफ नहीं होती है।