चैतन्य भारत न्यूज
आशावादी लोग उन लोगों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहते हैं जो जीवन को लेकर हमेशा परेशानियों से घिरे रहते हैं और हमेशा मन में निराशा लिए बैठे रहते हैं। दरअसल अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि, आशावादी लोग अधिक समय तक जीवित रहते हैं।
खबरों के मुताबिक, इस शोध में 58 से 86 के बीच की उम्र की 69 हजार महिला अमरीकी स्वास्थ्य कर्मियों और 41 से 90 के बीच की उम्र के 14 हजार पुरुषों को शामिल किया गया। शोध में बताया गया है कि 85 और इससे अधिक उम्र के 50 से 70 प्रतिशत लोग आशावादी रहते हैं जो उनके बेहतर स्वास्थ्य का बड़ा कारण है। शोध में कहा गया कि ऐसे आशावादी लोग 11 फीसदी तक अधिक जीवन जीते हैं। खास बात यह है कि शोध में शामिल कुछ लोग ह्रदय रोग, कैंसर और तनावग्रस्त होने के बावजूद बहुत खुश थे।
शोध में शामिल लोगों ने कहा कि, वे अपने जीवन में कुछ बुरा होने की बजाय अच्छा होने की आशा रखते हैं जो उनकी खुशी और अच्छे स्वास्थ्य का राज है। उन्होंने बताया कि आशावादी लोग दूसरे रोगियों की तुलना में जल्दी ठीक होते हैं और उनका व्यवहार भी ठीक रहता है।
आशावादी हैं तो बीमारी से रहेंगे दूर
वैज्ञानिकों का दावा है कि जो लोग आशावादी रहते हैं और सकरात्मक सोच रखते हैं उनमें गंभीर रोगों के होने का खतरा कम रहता है। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों की मौत कम उम्र में नहीं होती है। बॉस्टन यूनिवर्सिटी के मुताबिक, आशावादी लोगों का जीवन चक्र लंबा और सुखद रहता है।
अन्य लोगों पर भी दिखेगा प्रभाव?
वैज्ञानिकों का कहना है कि, अभी ये शोध सिर्फ गोरे अमेरिकी लोगों पर ही किया गया है जिसमें ये परिणाम सामने आया है। दुनिया के अन्य आबादी पर इसका क्या प्रभाव रहेगा? इसको लेकर शोध की तैयारी चल रही है।
देश में बुजुर्गों की हालत
सयुंक्त राष्ट्र के लिए एक निजी संस्था द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया कि, देश में 62.1% बुजुर्गों को अच्छी देखभाल नहीं हो पाती है। वहीं 52.4% बुजुर्गों को परिवार का साथ नहीं मिल पाता है।