चैतन्य भारत न्यूज
हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women’s day) मनाया जाता है। इस दिन सभी देश चाहे वह विकसित हो या विकासशील मिलकर महिला अधिकारों की बात करते हैं। 8 मार्च को पूरी दुनिया की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। आइए एक नजर डालते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर।
कब से हुई इसकी शुरुआत
साल 1908 में एक महिला मजदूर आंदोलन के कारण महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन 15 हजार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, अच्छा वेतन और अन्य कई अधिकारों की मांग को लेकर न्यूयॉर्क में प्रदर्शन किया था। इसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया। साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मलेन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया गया और फिर यह दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में लोकप्रिय होने लगा। 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता साल 1975 में मिली थी। संयुक्त राष्ट्र ने एक थीम के साथ इस दिन को मनाने की शुरूआत की थी।
महिला दिवस 2021 की थीम
2021 के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना” (“Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world”) रखी गई है। ऐसा कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं और लड़कियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए किया गया है। बीते साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #EachForEqual थी।
कहां कैसे मनाया जाता है महिला दिवस
महिला दिवस हर देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कहीं पर इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है तो कहीं इस दिन महिलाओं को छुट्टी दी जाती है। कुछ देशों में महिलाओं को फूल देकर सम्मानित किया जाता है। अमेरिका में यह महीना ‘विमेन्स हिस्ट्री मंथ’ के रूप में मनाया जाता है।