चैतन्य भारत न्यूज
मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कोरोना के चलते इस बार होली बे-रंग रहेगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लोग घर से बाहर गुलाल नहीं उड़ा पाएंगे। इसके अलावा इन शहरों में जुलूस, सामूहिक आयोजन पर पहले से ही रोक है। इंदौर में प्रशासन ने होलिका दहन पर भी रोक लगा दी है जिसे लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय नाराज हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि, ‘होलिका दहन रोकना अनुचित है। यह बेहद आपत्तिजनक फैसला है। इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगे। प्रशासन इस पर फिर से विचार करे।’ भाजपा के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि, ‘क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के फैसले से सहमत नहीं हूं। मेरे मोहल्ले में कोविड गाइडलाइन के हिसाब से होली का पूजन होगा। जिलाधीश जी आपका प्रकरण, डीआईजी आपका डंडा शिरोधार्य! मेरे भाई के निधन के बाद धुलेंडी पर परिवार में सीमित सीमा में रंग डालने स्वजन भी आएंगे।’
कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी प्रतिबंध पर सवाल उठाते हुए रंग डालने जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि, ‘क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी नहीं, भाजपा के लोग अनैतिक फैसले कर रहे हैं। भाजपा कार्यालय में जाकर ऐसी बैठकें करिए। हम होली का रंग डालने जाएंगे क्योंकि यह गमी का त्योहार है। सूतक खत्म करने का त्योहार है। समाज के लोग जाते ही हैं।’
इंदौर: गेर पर प्रतिबंध, लॉकडाउन की तरह सख्ती
भोपाल में हिंदू उत्सव समिति ने पहले ही तय किया है कि सोमवार सुबह 6:15 बजे होली जलाई जाएगी। लेकिन इंदौर में होलिका दहन और गेर को प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसके बाद से ही इस फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
25 मार्च को क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी ने निर्णय लिया है कि होली के दिन भी लॉकडाउन जैसी सख्ती रहेगी। सड़कों पर पुलिस और मजिस्ट्रेट तैनात होकर इस पर सख्ती करेंगे। अनावश्यक आवाजाही पर रोक रहेगी। घर से लोग बाहर निकलकर होली नहीं खेल सकेंगे। चौराहे, सड़क, सार्वजनिक स्थानों, खुले मैदान में एकत्र होकर त्योहार मनाने पर प्रतिबंध रहेगा। यहां पहले ही गेर निकालने पर रोक लगाई जा चुकी है।