चैतन्य भारत न्यूज
बुधवार को गंगा दशहरा के खास अवसर पर श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में गंगा नदी में आस्था की डूबकी लगाई। बनारस, हरिद्वार, ऋषिकेश समेत और भी जगह लोगों ने मां गंगा की पूजा अर्चना की और अपने परिवार के लिए मंगल कामनाएं भी की।
Varanasi: Devotees take holy dip in river Ganga on Ganga Dussehra today. pic.twitter.com/FFaXKFk24V
— ANI UP (@ANINewsUP) June 12, 2019
बता दें ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरीं थीं। इसलिए गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि गंगा दशहरा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। गंगा के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का स्नान करने के लिए तांता लगा हुआ है। गंगा दशहरा पर स्नान के पश्चात् दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। नदी में डुबकी लगाने के बाद लोगों ने गंगा किनारे पूजन और हवन भी किया।
गंगा दशहरा पूजा-विधि
- सबसे पहले गंगा नदी में स्नान करें।
- स्नान के दौरान ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें।
- फिर ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ करके हवन करे।
- इस मंत्र के बाद ‘ ऊँ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं (वाक्-काम-मायामयि) हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।’ इस मंत्र से पांच पुष्पांजलि अर्पण करके भगीरथ हिमालय के नाम पूजन करें।
- पूजा के बाद 10 दीपक, 10 फल और 10 सेर तिल का ‘गंगायै नमः’ मंत्र कहकर दान करें।
- सत्तू और गुड़ के पिण्ड जल में डालें।
- पूजा 10 सेर तिल, 10 सेर जौ, 10 सेर गेहूं 10 ब्राह्मणों को दें।