चैतन्य भारत न्यूज
कोरोना संकट के बीच देश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है। जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में 25 हजार से ज्यादा बतख, कौवे और प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है।
बर्ड फ्लू से जनता में दहशत फैलने लगी है। लोगों को डर है कि कहीं ये भी महामारी में न बदल जाए। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसी संभावना को नकार दिया है और जनता को डरने के बजाय एहतियात बरतने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि, बर्ड फ्लू का कारण बनने वाले एच5एन1 वायरस के इंसान से इंसान में संचरित होने का जोखिम दुर्लभ है। ऐसा तब ही संभव है जब कोई व्यक्ति पक्षियों की संक्रमित प्रजातियों के साथ निकटता में काम करे। इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- ठीक तरह से सांस ना ले पाना
- खांसी आना
- कफ का बनना और जमा होना
- सिर दर्द लगातार बने रहना
- बुखार आना और शरीर अकड़ना
- शरीर में दर्द होना
- जल्दी थकान का अनुभव होना
- पेट में दर्द होना
यदि आपको बर्ड फ्लू से खुद को बचाकर रखना हैं तो उसके लिए जरुरी हैं कि आप खुद की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए। इसके लिए रोजाना योगासन के साथ-साथ इस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेदिक काढ़े को इस तरह बनाए-
काढ़े बनाने की सामग्री
- 8-10 तुलसी की पत्तियां
- गिलोय की थोड़ी सी डंडी
- थोड़ी सी काली मिर्च
- 2-3 लौंग
- 1 इंच कच्ची हल्दी
- 1 इंच अदरक
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
इन सभी चीजों को इमामदस्ता में डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद एक लीटर पानी में इन सभी चीजों को डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। जब पानी 100 या 200 ग्राम बचें तो इसे छान लें। छानने के बाद धीरे-धीरे इसका सेवन करें।