चैतन्य भारत न्यूज
इंदौर. मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनीट्रैप मामले का खुलासा होने के बाद से ही प्रदेश के नेताओं, सरकारी अफसरों, ठेकेदारों और कुछ रसूखदार लोगों की नींदें उड़ी हुई हैं। यहां पांच महिलाओं की गैंग ने सत्ता में बैठे नेताओं और हाई प्रोफाइल अधिकारियों को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर उनके साथ संबंध बनाए और इसका वीडियो खुफिया कैमरों में कैद कर लिया। फिर इन महिलाओं ने वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर अफसरों को ब्लैकमेल किया और उनसे करोड़ों रुपए ऐंठे।
इस ब्लैकमेलिंग कांड की जांच के लिए बाकायदा स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम यानी एसआईटी बनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं के पास से पांच या दस नहीं बल्कि करीब 20 से भी ज्यादा हाई प्रोफाइल लोगों के अश्लील वीडियो मिले। जैसे-जैसे पुलिस इस मामले की जांच की गहराई में जा रही है, वैसे-वैसे एक से बढ़कर एक सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इन महिलाओं ने विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी से लेकर कई सरकारी अफसरों को अपने जाल में फंसाकर उनके अश्लील वीडियो बना लिए थे।
पुलिस जांच में पता चला कि महिलाओं ने 90 ऐसे वीडियो बनाए हैं जिनमें उनकी और उनके जाल में फंसे नेता या अधिकारी की आपत्तिजनक स्थिति में तस्वीरें कैद हैं। हैरानी वाली बात यह है कि, जांच के दौरान पता चला कि इन 90 में से 30 वीडियो ऐसे हैं जो सिर्फ नेताओं-मंत्रियों और बड़े अफसरों के हैं। महिलाएं वीडियो के बदले अब तक 15 करोड़ की रकम वसूल कर चुकी थीं। इनमें अलग-अलग लोगों से 50 लाख रुपए से लेकर 3 करोड़ रुपए तक की रकम शामिल है। जो जितनी बड़ी पोस्ट पर होता, उससे उतनी ही ज्यादा रकम ऐंठी जाती।
(नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह)
बीते कई सालों से चल रहे इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर को इन महिलाओं ने अपने जाल में फंसाने के बाद उनसे 3 करोड़ रकम की मांग की और फिर इंजीनियर ने इनकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी। फिर पुलिस ने एक प्लान बनाकर इंजीनियर को ब्लैकमेल करने वाली महिला को इंदौर बुलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
ये महिलाएं लेट नाईट पार्टीज में अक्सर ही जाया करती थीं। इनके मोबाइल फोन में भी शराब पार्टियों के कई वीडियो भी मिले हैं। ये सभी पार्टी भोपाल-इंदौर फोरलेन रोड पर होती थीं। इसके अलावा महिलाएं ऐसी पार्टियों में भी जाती थीं, जहां नेताओं और मंत्रियों से लेकर बड़े अफसरों तक को बुलाया जाता है। पुलिस इस मामले को संगठित अपराध मानते हुए महिलाओं से बेहद गोपनीय तरीके से पूछताछ कर रही है।