टीम चैतन्य भारत।
इस महीने वैश्विक अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की दिशा तय हो सकती है। मसलन ब्रेक्जिट, चीन की आर्थिक योजना और चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड डील की तस्वीर साफ होने वाली है।
मार्च, 2019 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खासा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। वजह यह है कि इस महीने अनिश्चितता बढ़ाने या कम करने वाले अंतरराष्ट्रीय महत्व के कई मसले अंजाम तक पहुंच सकते हैं। यदि इन मसलों का निपटारा अनुकूल तरीके से होता है या कम से कम इस दिशा में प्रगति होती नजर आती है तो ऐसी स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को नई ताकत मिलेगी और ये मजबूती की राह पर आगे बढ़ेंगे।
कुछ भावी वैश्विक घटनाक्रमों पर एक नजर
ब्रेक्जिट
यह एक खास शब्दावली है, जिसका इस्तेमाल पिछले कई वर्षों से हो रहा है। असल में यह उस लंबी प्रक्रिया को इंगित करती है, जिसके तहत ब्रिटेन यूरो जोन यानी यूरोपीय संघ से अलग होने वाला है। यदि चीजें उसी हिसाब से आकार लेती हैं, जैसा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के करारनामे को जानबूझकर खारिज नहीं किया गया है, तो यूरोपीय संघ से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के बाहर निकलने का फैसला 29 मार्च को हो जाएगा। इसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर होगा।
चीन की आर्थिक योजना
ताजा आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक चीन की आर्थिक गतिविधियों में गिरावट स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में चीन के लिए मार्च का महीना खासी अहमियत रखता है, क्योंकि इस महीने वहां सालाना संसदीय बैठक होने वाली है और इस मौके पर सरकार 2019 के लिए आर्थिक योजना पर फैसला करेगी। उम्मीद की जा रही है कि चीन अपनी आर्थिक विकास दर का लक्ष्य 6.5 प्रतिशत रखेगा, जो पिछले दो वर्षों की विकास दर से कम है। आगामी हफ्तों में चीन ऐसे आंकड़े भी जारी करेगा, जिनसे पता चलेगा कि वहां की अर्थव्यवस्था वाकई बेहतर हो रही है या नहीं। जाहिर है, इसका असर ग्लोबल शेयर मार्केट के रुझान पर नजर आएगा।
चीन-अमेरिका ट्रेड डील
वॉल स्ट्रीट जर्नल में 4 मार्च को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 27 मार्च के आसपास प्रस्तावित एक सम्मेलन में औपचारिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे देंगे। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच आपसी व्यापार का स्वरूप क्या होगा।
मौद्रिक नीति को लेकर बैठक
बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति समिति 14-15 मार्च को बैठक करने वाली है। इस समिति की पिछली बैठक का ब्योरा हालांकि इसके बाद 20 मार्च को आएगा। यही नहीं, अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी अपनी-अपनी मौद्रिक नीति पर फैसले के लिए इसी महीने बैठक करने वाले हैं।
नए टैरिफ
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक खास रिपोर्ट पर गौर करने वाले हैं, जिसके कारण यूरोप और जापान की कारों पर टैरिफ लगाया जा सकता है। इसके अलावा यदि चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार विवाद खत्म हो जाते हैं तो इसकी बदौलत दुनिया की इन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चीजें सामान्य हो जाएंगी और इसके साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ मुद्दों का निराकरण अपने-आप निकल जाएगा।