चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. भारत-चीन के बीच सोमवार को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 11 घंटे हुई लेफ्टिनेंट स्तर पर बातचीत सफल रही है। जानकारी के मुताबिक, सीमा विवाद के बाद उपजी स्थितियों को सामान्य करने के लिए वार्ता के बाद चीन के तेवर नरम पड़ गए हैं। इस बातचीत के बाद दोनों देशों में अपनी सेनाएं वापस बुलाने पर आपसी सहमति बन गई है। सेना ने कहा कि ये बातचीत बहुत ही सकारात्मक और बेहतर माहौल में हुई।
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद लद्दाख की गलवान घाटी में एक आम सहमति बन गई है। विवादित भूमि से दोनों देशों की सेना की वापसी के तौर-तरीकों पर बातचीत हुई, जिसके बाद फैसला लिया गया कि पूर्वी लद्दाख की झड़प वाली जगह से दोनों सेना पीछे हटेंगी। बैठक में पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों ही पक्ष इसपर अमल करेंगे।
Corps Commander level talks b/w India-China y’day were held at Moldo in cordial,positive&constructive atmosphere.There was mutual consensus to disengage.Modalities for disengagement from all friction areas in Eastern Ladakh were discussed&will be taken forward by both sides: Army pic.twitter.com/WaSMfQsv4Z
— ANI (@ANI) June 23, 2020
इसके अलावा बैठक में चीन को ये भी कहा गया कि वो 5 मई से पहले की स्थिति को बहाल करे। भारत अपनी जमीन पर एलएसी के नजदीक सड़कों का निर्माण भी जारी रखेगा। ये भी चीन को सख्त संदेश दिया गया है। चीन को समझाया गया कि शांति दोनों तरफ से होनी चाहिए। दोनों तरफ से शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई गई।
15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात एलएसी पर हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में चीन के भी 35 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।