चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार कोरोना वायरस के मरीजों के लिए कारगर मानी जा रही मलेरिया रोधक दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से बैन हटाने के लिए तैयार हो गई है। सरकार ने इस दवा पर लगे निर्यात से आंशिक तौर पर प्रतिबंध हटा दिया है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने यह फैसला लिया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित अमेरिका समेत पड़ोसी देशों को इन जरूरी दवाओं की सप्लाई की जाएगी। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी कि, ‘कोरोना महामारी से इस समय भारत समेत विश्व के तमाम देश जूझ रहे हैं। वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि हम अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएंगे जिनकी निर्भरता भारत पर है।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि, ‘भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता एवं सहयोग दिखाना चाहिए। इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है। इस महासंकट के समय में हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया एक साथ होकर लड़ेगी। हमने भी लगातार इस ओर कदम बढ़ाए हैं, जिसका उदाहरण ये है कि कई देशों से हमने विभिन्न देशों के नागरिकों को बचाया है।’
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल यह फैसला नहीं किया गया है कि किस देश को दवा की कितनी आपूर्ति की जाएगी। लेकिन भारत अपनी घरेलू जरुरतें पूरी होने के बाद ही स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर निर्यात करेगा। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। इस दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट्स सप्लाई करने की गुजारिश की है। इसके बाद भारत सरकार ने यह फैसला लिया है।