चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को झटका दिया है। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की बढ़त दर केवल 4.8 प्रतिशत रहेगी। आईएमएफ ने कहा कि, ‘भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है।’
आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक में इस अनुमान को जारी किया। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, ‘ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान में 80% की गिरावट के लिए भारत जिम्मेदार है।’ गीता ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि, ‘भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है।’
IMF Chief Economist Gita Gopinath was one of the first to denounce demonetisation.
I suppose we must prepare ourselves for an attack by government ministers on the IMF and Dr Gita Gopinath.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020
जब गीता गोपीनाथ से यह पूछा गया कि भारत में आर्थिक मंदी ने वैश्विक पूर्वानुमानों को किस हद तक प्रभावित किया है? तो उन्होंने कहा कि, ‘सरल गणना कहती है कि ये 80 प्रतिशत से अधिक होगा।’ भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को घटाने के बारे में गोपीनाथ ने कहा कि, ‘भारत की पहली दो तिमाहियों के अनुमानों की तुलना में हम कमजोर थे। मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी और ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है।’
गीता गोपीनाथ का बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘अब मोदी सरकार के मंत्री आईएमएफ और मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पर हमला करेंगे।’
चिदंबरम ने कहा कि, ‘नोटबंदी की निंदा करने वालों में आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ एक थीं। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। तमाम कोशिश के बाद भी जीडीपी 4।8 फीसदी रहेगी। अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। आईएमएफ के रियलिटी चेक में 2019-20 में ग्रोथ रेट 5 फीसदी से कम 4.8 फीसदी होगी।’
कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘आईएमएफ ने 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी को घटाकर 4.8% कर दिया। इसे दुनिया अर्थव्यवस्था नीचे जाएगी। पूरे भारत में लोग, युवा और बूढ़े प्रदर्शन कर रहे हैं, (जो अपने पहने कपड़ों से पहचाने नहीं जा सकते), बताते हैं कि मोदी और अमित शाह की जोड़ी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।’