चैतन्य भारत न्यूज
देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ ने देरी होने पर मुआवजा देने का ऐलान किया है। 4 अक्टूबर से अपना सफर शुरू करने वाली ‘तेजस एक्सप्रेस’ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तेजस ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को 250 रुपए तक का मुआवजा देने की व्यवस्था की गई है। अब ऐसे में कई लोग जानना चाहते हैं कि तेजस ट्रेन की तरह दूसरी ट्रेनों के लेट होने पर क्या यात्री मुआवजे का दावा कर सकते हैं?
इस संबंध में एडवोकेट कालिका प्रसाद काला ने बताया कि, कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत डिफिशिएंसी इन सर्विस यानी सर्विस में गलती मानी जाती है, ऐसे में यात्री कंज्यूमर फोरम में केस कर सकते हैं और मुआवजा ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन साल 2011 में ट्रेन लेट होने पर बीमार पड़ने वाले एक बुजुर्ग को मुआवजा दिला चुका है। नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन ने ट्रेन की देरी को डिफिशिएंसी इन सर्विस माना है।
एडवोकेट का कहना है कि रेलवे जिस ट्रेन टिकट को जारी करता है, उसमें भी ट्रेन के रवाना होने और गंतव्य तक पहुंचने का टाइम लिखा होता है। ऐसे में बिना किसी बड़े कारण ट्रेन लेट नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, देश में करीब 95 फीसदी ट्रेन लेट चलती हैं। अगर यात्री ट्रेन में देरी के लिए कंज्यूमर फोरम में केस करते हैं, तो मुआवजा मिल जाता है। हालांकि यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी चलती है जिसके कारण मुआवजे में थोड़ा वक्त लगता है।