चैतन्य भारत न्यूज
इंदिरा एकादशी व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा। इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है। शास्त्रों में पितृ पक्ष के दौरान आने वाली इस एकादशी को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली माना गया है। कहते हैं जो जातक यह व्रत अपने पितरों के निमित्त सच्ची श्रद्धा के साथ करता है उनके पितरों को फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर कोई पितर भूलवश अपने पाप के कर्मों के कारण यमराज के दंड का भागी रहता है तो उसके परिजनों के द्वारा यह एकादशी व्रत जरूर करना चाहिए। शास्त्रों में एकादशी तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन विष्णु जी की आराधना से जुड़े कार्य जरूर करने चाहिए, ऐसा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके अनेक प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
इंदिरा एकादशी की तिथि कब से आरंभ हो रही है
पंचांग के अनुसार इंदिरा एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 सितंबर 2020 को रविवार प्रात: 04 बजकर 13 मिनट से होने जा रहा है। एकादशी तिथि का समापन 14 सितंबर 2020 को प्रात: 03 बजकर 16 मिनट पर होगा।
इंदिरा एकादशी व्रत का पारण समय
पंचांग के अनुसार इंदिरा एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त 14 सितंबर 2020 को दोपहर 01 बजकर 31 मिनट का है, वहीं पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय प्रात: 08 बजकर 49 मिनट पर है।
इंदिरा एकादशी पर इन बातों का ध्यान रखें
इंदिरा एकादशी के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इंदिरा एकादशी का दिन बेहद पवित्र दिन माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें यह व्रत विधि पूर्वक पूर्ण करना चाहिए। इस दिन चावल से बने किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। आश्विन मास में विष्णु पूजा को विशेष फलदायी बताया गया है। इसलिए इस दिन बुराई से दूर रहकर मन को शांत रखते हुए भगवान विष्णु का स्मरण कर उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।